Indore News: इंदौर में तपती गर्मी के सितम से वकीलों का हाल बेहाल, अब चीफ जस्टिस से की गई ये मांग
Indore Hindi News: इंदौर में वकीलों ने बताया कि टीन शेड में उनकी बैठक होने उसे गर्मियों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर वकीलों ने चीफ जस्टिस से कुछ विशेष मांग की है.
इंदौर में अप्रैल माह में आग लगाती गर्मी में जहां आम आदमी का घर से निकलना दुभर हो गया है वहीं इस तपती गर्मी में कोर्ट परिसर में वकीलों के हाल बेहाल हैं. इसका कारण ये हैं क्योंकि उनकी बैठक व्यवस्था टिन शेड में रहती है. इससे गर्मियों में हालत खराब हो जाती है. हालांकि जिला कोर्ट और जिला काउंसिल बार द्वारा काले कोर्ट पहनने से तो वकीलों को राहत दी जाती है लेकिन इस बार वकीलों द्वारा चीफ जस्टिस को गर्मी को लेकर विशेष मांग की है.
की गई ये मांग
लॉ प्रोफेसर और वकील पंकज वाधवानी के अनुसार गर्मी में प्रदेश की जिला और अधीनस्थ न्यायालय में पैरवी के दौरान वकीलों को काला कोट पहने की छूट दी गई है. वकील 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक बिना काला कोट पहने भीतर पैरवी कर सकते हैं. हमारे द्वारा बदलाव को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ मध्य प्रदेश को और स्टेट काउंसिल बार जो एडवोकेट की एपेक्स बॉडी है, उन्हें पत्र के माध्यम से कोर्ट का समय सुबह 8:00 से 12:30 करने की मांग की गई है.
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अभी स्टेटस विचारधीन है
इसमें कहा गया है कि जिस तरह प्रदेश के ग्वालियर में और राजस्थान में भी कोर्ट में सुनवाई का समय सवेरे रखा गया है उसी तर्ज पर इंदौर की जिला कोर्ट का भी समय सवेरे कर दिया जाए. हालांकि हाईकोर्ट को इससे अलग रखा गया है. हाईकोर्ट में तो जहां सुनवाई होती है वह सभी एसी रूम है. वहीं जिला कोर्ट में सुनवाई कक्ष में एसी ना होते हुए बाहर गर्मियों में टिन शेड में बैठना पड़ता है. जिससे जिला कोर्ट के वकीलों को गर्मियों से दो-दो हाथ करना पड़ता है.
सबसे ज्यादा तकलीफ दोपहर पैरवी करते समय होती है. पत्र चीफ जस्टिस और स्टेट बार काउंसिल दोनो के पास पहुंच भी गया है. अभी स्टेटस विचारधीन है. बहरहाल अब देखना यह होगा कि चीफ जस्टिस द्वारा इंदौर के वकीलों द्वारा उठाई गई इस मांग को दूसरे शहरों की तरह समय में परिवर्तन करते हुए राहत देते हैं या नहीं.