Indore Leopard News: इंदौर की कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय से रहस्यमय ढंग से गायब हुआ तेंदुआ आखिरकार मिल गया. 6 दिनों के सर्चिंग अभियान के बाद आज वन विभाग और कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय की टीम ने वन विभाग कार्यालय नवरतन बाग के समीप से तेंदुए का रेस्क्यू किया है. रेस्क्यू किये जाने के बाद वन विभाग कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों ने राहत की सांस ली है. हालांकि बताया जा रहा है कि तेंदुआ पीछे के हिस्से से घायल है, जिसके कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा है. अब तेंदुए का इलाज प्राणी संग्रहालय के अस्पताल में किया जा रहा है.


वन विभाग अमले के अनुसार आज सुबह जानकारी मिली कि नवरतन बाग स्थित वन विभाग कार्यालय के समीप झाड़ियों में तेंदुए को देखा गया है, जिसके बाद तेंदुए को ढूंढने के लिए सर्चिंग अभियान चलाया गया. इस दौरान तेंदुआ दिखाई दिया, जिसके बाद उसका रेस्क्यू किया गया है. तेंदुए को रेस्क्यू किए जाने के बाद वन विभाग और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय पहुंचे और तेंदुए के बारे में जानकारी ली.


घायल तेंदुए को इलाज के लिए इंदौर के ज़ू लेकर पहुंची थी टीम


बता दें मामला 1 दिसंबर की रात का है, जब बुरहानपुर के नेपानगर से वन विभाग की टीम एक घायल तेंदुए को इलाज के लिए इंदौर के ज़ू लेकर पहुंची थी, लेकिन रात काफी हो जाने और पर्याप्त कर्मचारी नहीं होने के कारण ज़ू प्रभारी डॉ उत्तम यादव ने इस तेंदुए की कस्टडी लेने के मना करते हुए इसे सुबह लाने की बात कही थी. बाद में वन विभाग के कहने पर ज़ू प्रभारी ने उन्हें एक रात ज़ू में ही बिताने की अनुमति दे दी थी, लेकिन जब 2 दिसंबर की सुबह जब ज़ू प्रभारी, वन विभाग के टीम के साथ तेंदुए की कस्टडी लेने पहुंचे, तो उन्हें पिंजरा तो मिला, लेकिन उस पिंजरे में तेंदुआ नहीं मिला. जिसके बाद वन विभाग और ज़ू प्रभारी के पसीने छूट गए थे. अब ऐसे में सवाल यह उठता है की ज़ू से एकाएक गायब हुआ तेंदुआ आख़िरकार करीब 2 किलोमीटर दूर वन विभाग कैसे बिना किसी को दिखे पहुँच गया और गया तो अन्तत: वन विभाग ही क्यों गया?


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