Indore Lok Sabha Election 2024 Result: लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में इस बार बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है. बीजेपी ने प्रदेश की सभी 29 की 29 सीटों पर जीत का परचम लहराया है. वहीं इसमें सबसे बड़ी जीत मिली है इंदौर से बीजेपी प्रत्याशी और सीटिंग एमपी शंकर लालवानी को. आइए जानते हैं कि शंकर लालवानी कौन हैं.


दरअसल, शंकर लालवानी ने साल 2019 से इंदौर से 17वीं लोकसभा में संसद सदस्य के रूप में कार्य किया है. उन्होंने पहले इंदौर विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष का पद भी संभाला था. कहा जा रहा है कि शंकर लालवानी के टिकट के पीछे दो बड़े फैक्टर काम कर गए. पहला तो कि लालवानी शिवराज खेमे से हैं. दूसरा कि वे सिंधी समाज से हैं और सिंधी समाज की वजह से उन्हें टिकट मिला है. पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू सिंधियों को वापस यहां कि नागरिकता दिलवाने में लालवानी ने बड़ी भूमिका अदा की है. शंकर लालवानी स्वभाव से बेहद सरल और सहज हैं.


माताजी गोरी देवी लालवानी एक गृहिणी थीं
शंकर लालवानी का जन्म 16 अक्टूबर 1961 को इंदौर में हुआ था. उनके पिता जमनादास लालवानी अखंड भारत के विभाजन से पहले इंदौर आए थे. जमनादास लालवानी इंदौर आकर भी आरएसएस में सक्रिय थे. वे जनसंघ पार्टी में थे और सामाजिक कामों में सक्रिय रहते थे. वे कई वर्षों तक मध्य प्रदेश में सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे. शंकर लालवानी की माताजी गोरी देवी लालवानी एक गृहिणी थीं.


करीब 5 लाख 47 हज़ार वोटों जीत हासिल की
शंकर लालवानी ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की, फिर मुंबई से बी-टेक की पढ़ाई की फिर इंदौर आकर व्यापार और कंसल्टेंसी में लग गए. 1994 से 1999 तक वे इंदौर नगर निगम में पार्षद रहे. इसके बाद 1999 से 2004 तक वे 5 वर्ष तक इंदौर नगर निगम के सभापति पद पर रहे.


साल 2013 में इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बनाए गए. 2019 में जब भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया तो भारतीय जनता पार्टी करीब 5 लाख 47 हज़ार वोटों के ऐतिहासिक अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस पार्टी से जीत हासिल की. वहीं दूसरी बार फिर से भारी बहुमत से सांसद चुने गए हैं.


इन समितियों के रह चुके हैं सदस्य
वही सांसद बनने के बाद, वह लोकसभा में आवास और शहरी मामलों की स्थायी समिति, सदन की बैठक से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति, संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की सलाहकार समिति, सहकारिता विभाग सलाहकार समिति, उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण परामर्श समिति एवं एमएसएमई नेशनल बोर्ड के भी सदस्य हैं.


सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों की बात करें तो पिछले 25 वर्षों से वे लोक संस्कृति मंच के माध्यम से मालवा उत्सव, राजवाडा पर हरतालिका तीज उत्सव, हिंदू नववर्ष पर सूर्य अर्घ्य समेत कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. लालवानी को संसदीय समिति एवं शहरी विकास समिति का सदस्य बनाया गया है. लगातार 2 बार इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे. शंकर लालवानी पार्षद, अध्यक्ष नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में काम किया.


इन विकास कार्यों को करने का कर रहे दावा
लालवानी का कहना है कि उनके कार्यकाल में कोविड की कठिन परिस्थितियों के बावजूद इंदौर में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुआ है और जल्द ही इंदौर मेन लाइन पर आ जाएगा. इसके अलावा 3,200 करोड़ के निर्माण कार्यों की स्वीकृति, 1,000 करोड़ के नए इंदौर रेलवे स्टेशन की योजना पर काम शुरू, लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन का विस्तारीकरण की शुरुआत, इंदौर-खंडवा रेल लाइन के काम तेजी से करवाया.


उन्होंने कहा राऊ-महू रेल लाइन का दोहरीकरण, इंदौर-दाहोद रेल लाइन के काम में तेज़ी, इंदौर-महू-पीथमपुर मेट्रो लाइन की मांग एवं सर्वे, इंदौर-सांवेर-उज्जैन मेट्रो लाइन की मांग रखी और सर्वे पूर्ण, इंदौर-बुधनी-जबलपुर रेल लाइन को स्‍वीकृति, और इंदौर से वंदे भारत ट्रेन प्रारंभ करना उनकी उपलब्धि रही. सांसद शंकर लालवानी ने अब तक 15 करोड़ रु से ज्यादा की राशि से पेयजल, स्वच्छता एवं कई विकास कार्यों पर खर्च की.


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