MP Lok Sabha Election 2024: इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय कांति बम ने बीते दिनों अचानक अपना नामांकन वापस लेकर प्रदेश की सियासत में हलचल मच दी. सियासी गलियारों में उनका कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. विपक्षी गठबंधन ने इस तरह दल बदलने पर बीजेपी की आलोचना करते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.


रविवार (5 मई) दोपहर को भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की. इस दौरान वह अक्षय कांति बम को लेकर मीडिया के सामने पहुंचे. इस प्रेस कांफ्रेंस में अक्षय कांति बम कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने सहित कई मुद्दों पर सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया.


अक्षय कांति बम ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मेरे खिलाफ जनता में गलत संदेश जा रहा था, इसलिए मीडिया के सामने आया हूं. मैं अकेले चुनाव नहीं लड़ सकता था, मुझे पार्टी का सहयोग नहीं मिला. मेरा 23 मार्च को टिकट फाइनल हुआ लेकिन 24 से लेकर 29 मार्च तक मैं और मेरी टीम अकेले ही जनसंपर्क करती रही. उन्होंने कहा कि अकेला उम्मीदवार कैसे चुनाव लड़ सकता था.


'कांग्रेस ने मुझ पर नहीं जताया भरोसा'
दल बदलने को लेकर सफाई देते हुए अक्षय कांति बम ने कहा कि मुझे रणछोड़दास या गद्दार कहा जा रहा है, लेकिन मैं आपको बता दूं कि मेरे उम्मीदवार बनने के बाद सब्टीट्यूट कैंडिडेट के तौर पर मोती पटेल को उतारा गया. इसका मतलब मुझ पर पार्टी ने भरोसा नहीं जताया. इससे पहले विधानसभा चुनावों में भी मैनें पार्टी से टिकट मांगा, लेकिन मुझ पर भरोसा नहीं जताया गया.


कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए अक्षय कांति बम ने कहा कि विधानसभा चुनावों में मुझे टिकट न देकर पार्टी ने राजा मंधवानी को टिकट दे दिया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मुझे टिकट तो मिला, लेकिन मेरे केस में वैकल्पिक उम्मीदवार बनाया गया. मेरे फॉर्म उठाने के बाद भी कांग्रेस पार्टी के पास तीन घंटे थे, लेकिन उन्होनें कोई सजगता नहीं दिखाई.


'अनुशासन विहीन पार्टी है कांग्रेस' 
मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि अक्षय कांति बम ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि मैंने कांग्रेस को प्रत्याशी विहीन कर दिया. अगर ऐसा होता तो मैं विधानसभा में जानकारी होने के बाद भी कि मैं हार जाउंगा टिकट की मांग नहीं करता. कांग्रेस में मुझे लेकर चले असहयोग के कारण मैं आहत था. 


उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी का सहयोग नहीं मिल रहा था. इसकी शिकायत मैंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से एक नहीं तीन बार की थी, लेकिन प्रदेश के अध्यक्ष की बात भी नहीं सुनी गई. अक्षय कांति ने कहा कि कांग्रेस अनुशासन विहीन पार्टी है जहां निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया जाता.


धारा 307 पर क्या कहा?
अपने ऊपर लग रहे आरोपों के जवाब में अक्षय ने का कि  मेरे 22 साल के करियर में केवल एक जमीन का केस है. जिसने आरोप लगाया उसका चरित्र आप पता करें. कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक धारा 307 की बात है तो आपको बता दूं कि उस केस में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रकरण में धारा 307 पर विवेचना की जाना चाहिए.


अक्षय कांति बम ने कहा कि कोर्ट ने अपने आदेश में यह कहीं नहीं लिखा है कि मुझ पर प्रकरण दर्ज किया जाए. उन्होंने कहा कि इस केस में अभी 10 मई को सुनवाई होना बाकी है. अक्षय बम, ताई (पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन) के नाराजगी के सवाल को टाल गए और कहा कि ताई देश की नेता हैं और उनको लेकर कोई बयान देने की मेरी औकात नहीं है.


'फॉर्म उठाने से पहले की थी विजयवर्गीय से बात'
अक्षय कांति बम ने दावा किया कि मुझे लगातार कांग्रेस से सहयोग नहीं मिल रहा था. इंदौर लोकसभा के 2600 बूथ पर मुझे कोई सहयोग नहीं मिला. मेरी अपनी टीम ही सभी जगह काम कर रही थी. 


अक्षय कांति बम ने कहा कि ऐसे में मेरे मन में ये विचार आया कि अगर कांग्रेस के नाम पर वोट लेकर पार्टी बदली तो संदेश गलत जाएगा. इसलिए मैनें घर पर चर्चा की और अपना नाम वापस लेने पहुंच गया. उन्होंने कहा कि इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय से मेरी चर्चा हुई जिन्होंने मेरे पूरा साथ दिया. 


विजयवर्गीय ने अक्षय बम के दल बदलने पर दी सफाई
इस मौके पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि अक्षय बम से उनकी 29 तारीख को बात हुई. उन्होंने बताया कि अक्षय ने मुझसे कहा कि मैं कांग्रेस से नाम वापस ले रहा हूं. इसके लिए उन्होंने अपने एक प्रस्तावक को भी तैयार किया और अपना नाम वापस ले लिया.


'हिम्मत का काम था अक्षय बम का फैसला'
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस हमेशा चीजों को नकारात्मक रूप से देखती है. कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में नामांकन वापस लेने के सवाल पर कहा विजवर्गीय ने कहा कि अक्षय बम ने जो फैसला लिया वो हिम्मत का काम था. आज मैदान में 14 उम्मीदवार हैं और ऐसे में नोटा के लिए कांग्रेस लोगों को प्रेरित कर रही है. ये सरासर गलत है. 


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