Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) शहर में जालसाजों द्वारा फर्जी कागज बनाकर धोखाधड़ी करने के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसी कड़ी में इंदौर पुलिस (Indore Police) ने एक और बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है जहां आरटीओ में फर्जी सर्टिफिकेट (Fake Medical Certificate) पर ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनाने का काम धड़ल्ले से चल रहा था. वहीं कार्रवाई के दौरान एक महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया गया है. डॉक्टर द्वारा पाकिस्तान के कराची से डिग्री लेने की बात सामने आई है.


फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बरामद
इंदौर आरटीओ में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा था जिसकी सूचना इंदौर की तेजाजी नगर पुलिस को पिछले दिनों से लगातार मिलती आ रही थी. इस आधार पर तेजाजी नगर पुलिस ने आरटीओ के आसपास संचालित होने वाले एजेंटों की गुमटी पर दबिश देकर जांच पड़ताल की तो बड़ी संख्या में फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बरामद हुए.  इस पूरे मामले में पुलिस ने 7 एजेंटों सहित एक महिला डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया है. फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच के बाद पुलिस ने सर्टिफिकेट बनाने वाली महिला डॉक्टर को आरोपी बनाया है.


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एसीपी ने क्या बताया
एसीपी मोतीउर्रहमान ने बताया कि, पिछले कई दिनों से इसकी सूचना मिल रही थी. इंदौर की तेजाजी नगर पुलिस ने आरटीओ के आसपास संचालित होने वाले विभिन्न ऑफिस जो कि एजेंटों के द्वारा संचालित किए जाते हैं पर जब दबिश दी तो वहां बड़ी मात्रा में लाइसेंस नवीनीकरण के लिए लगने वाले मेडिकल सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी मिली. पुलिस को एक एजेंट के ऑफिस पर दबिश के दौरान एक संबंधित डॉक्टर के मेडिकल सर्टिफिकेट भी मिले. उसके बाद अन्य एजेंटों के ऑफिस पर दबिश दी गई तो उसी नाम और डॉक्टर की सील लगे हुए अन्य मेडिकल सर्टिफिकेट मिले.


यूनिवर्सिटी ऑफ कराची पकिस्तान की डिग्री
पुलिस ने इस पूरे मामले में 7 एजेंटों को हिरासत में लिया और उनसे काफी बारीकी से पूछताछ की गई. जांच में एक महिला डाक्टर रेखा का नाम सामने आया. जब पुलिस ने डाक्टर रेखा से पूछताछ की और उनकी डिग्री की जांच की तो पता चला कि डॉक्टर रेखा की डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ कराची पकिस्तान की है और उनको मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया के एक्ट के तहत इंडिया में प्रैक्टिस करने की परमिशन नहीं है. इसके बावजूद उनके द्वारा साइन कर बहुत सारे फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए गए हैं.


डॉक्टर रेखा को बनाया गया आरोपी
पुलिस ने डाक्टर रेखा के सभी सर्टिफिकेट जब्त कर उन्हें भी आरोपी बनाया. उन्होंने यहां की परीक्षा पास नहीं की थी और बिना इसके सर्टिफिकेट बना दिए थे. वहीं पुलिस ने आरटीओ को भी एक नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है कि इन फर्जी सर्टिफिकेट से कितने लाइसेंस जारी किये हैं और कितने लाइसेंस बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के जारी किये गए हैं. जानकारी मिलते ही सभी लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे. 


बता दें कि इंदौर शहर के आरटीओ में फर्जीवाड़े का यह पहला मामला नहीं है जहां पर एजेंटों द्वारा फर्जी कागज बनाकर लाइसेंस दिलाने के नाम कार्यवाही की गई हो लेकिन यहां ऐसा पहली बार हुआ है जब एक महिला डॉक्टर भी एजेंटों के साथ गिरफ्तार की गई है.


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