Indore News: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की ग्यारस (Dol Gyaras) को प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर शहर के तमाम हिस्सों से डोल के रूप में श्री कृष्ण राधा को पालकी में विराजमान कर चल समारोह आयोजित किए गए. इसी के तहत इंदौर शहर में महामारी के 2 वर्षों के बाद बड़ी धूमधाम से डोल ग्यारस का पर्व मनाया गया. दरअसल इंदौर में सभी त्यौहार बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं लेकिन 2 वर्ष से कोरोना महामारी की वजह से कई धार्मिक आयोजन रुके हुए थे. 


मनाया गया धूमधाम से
इंदौर में त्योहार अब बड़े ही धूमधाम से मनाए जा रहे हैं और इसी के तहत इंदौर के विभिन्न क्षेत्रों से श्री राम मंदिर और श्री राधा कृष्ण मंदिर से डोल ग्यारस निकाले गए. वहीं चल समारोह भी आयोजित किए गए जिसमें मौजूद महिलाएं राधा-कृष्ण के भजनों पर झूमती हुई चल रहीं थीं तो वहीं पुरुष अखाड़े में करतब दिखाते हुए चल रहे थे.


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निवासी ने क्या बताया
वहीं इस मौके पर निवासी भवानी कुशवाह का कहना था कि, 2 वर्षों से डोल ग्यारस नहीं निकाला गया था लेकिन जब इस वर्ष डोल ग्यारस निकाला गया तो एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. हजारों की संख्या में रहवासी इस डोल ग्यारस के शामिल होकर भगवान की आराधना करने के साथ ही अपनी मनोकामनाएं मांग रहे थे. घरों से महिलाओं ने निकलकर डोल ग्यारस के पालकी में विराजमान श्री राधा-कृष्ण की पूजा आराधना की और अपनी मनोकामनाएं मांगी.


संचालक ने क्या बताया 
वहीं डोल ग्यारस के संचालक तिलोक कुशवाह का कहना था कि करीब 21 वर्षों से यह डोल ग्यारस निकाला जा रहा है जिसे विभिन्न मार्गों से होते हुए फिर से मंदिर में स्थापित किया जाता है. डोल ग्यारस के आगे बैंड बाजे और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बाद अब बिना किसी कोरोना गाइडलाइन के त्यौहार मनाने की छूट मिल चुकी है. मंगलवार रात निकले डोल ग्यारस के चल समारोह में धूमधाम और हर्षोल्लास देखने को मिला.


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