Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) में शनिवार को जो कुछ हुआ वो प्रदेश के सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाने के लिये काफी है. दरअसल यहां शनिवार को दो मंत्री एक आंगनवाड़ी केंद्र (Anganwadi center) पर पहुंचे और उन्होंने वहां पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और साथ ही केंद्र के बच्चों के साथ खेल भी खेले और बच्चो की चंचलता और ज्ञान कौशल को देखकर अभिभूत भी हुए. यहां तक तो सब ठीक था लेकिन असल कहानी उस वक्त सामने आई जब दोनों मंत्री आंगनवाड़ी केंद्र की व्यवस्थाओं से संतुष्ट होकर लौट गए फिर जो हुआ वो अब सोशल मीडिया से लेकर मेन स्ट्रीम मीडिया की सुर्खियों में है.
सजाया गया दुल्हन की तरह
बता दें कि शनिवार को मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Health Minister Prabhuram Chaudhary) और शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Education Minister Mohan Yadav) एक दिवसीय दौरे पर इंदौर आए थे और उन्होंने पिपलियाहाना क्षेत्र में स्थित आंगनवाड़ी की ओर रुख किया. मंत्रियों का काफिला पहुंचने के पहले आंगनवाड़ी केंद्र को दुल्हन की तरह सजाया गया था. वहीं बच्चे भी नए कपड़े पहनकर खुश नजर आ रहे थे. इस दौरान दोनों मंत्रियों ने आंगनवाड़ी संचालिका सहित अन्य वर्करों से केंद्र पर मिलने वाले पोषण आहार की जानकारी भी ली. इसके साथ ही बच्चों के साथ खेल भी खेले. इसके बाद दोनों मंत्रियों का काफिला जैसे ही वहां से निकला तो जो दृश्य सामने आए वो देखने लायक थे और इसी के बाद सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े हो गए.
दिखावे के मकसद से किया
दरअसल मंत्रियों के आने के पहले अपने घर से बच्चे पुराने कपड़ो में आये थे. वहीं दिखावा करने के उद्देश्य के साथ सभी बच्चों को नए कपड़े पहना दिए गए जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं जब दोनों मंत्री वापस लौटे तो कई बच्चों ने दोबारा पुराने कपड़े पहन लिए और अपने थैलों में नए कपड़े लेकर चल दिये. निरीक्षण से पहले बोरे में भरकर लाये गए साफ सुथरे कपड़े महज दिखावे के लिए पहनाये गए थे और जब मीडिया ये विजुअल बना रहा था तब आंगनवाड़ी केंद्र के वर्कर वीडियो बनाने से मना करने लगे ताकि उनके दिखावे की पोल न खुल जाए. वहीं मंत्रियों के जाने के बाद बच्चों को दोबारा आंगनवाड़ी वर्करों ने पुराने कपड़े पहनने को कहा. आंगनवाड़ी वर्करों ने बताया कि उन्हें ये कपड़े एक एनजीओ से मिले थे.
औचक निरीक्षण से चलेगा पता
ऐसे में सवाल ये उठ रहे है कि आखिरकार क्यों जब भी किसी सरकारी संस्था का निरीक्षण करने कोई मंत्री या अधिकारी पहुंचता है तब व्यवस्थाओं को पुख्ता कर दिया जाता है जबकि आम दिनों में ऐसे संस्थानो में व्यवस्था दुरुस्त नहीं रहती है. जहां तक पिपलियहाना के आंगनवाड़ी केंद्र की बात की जाए तो सोमवार को यहां के सुरते हाल बदल जाएंगे. ऐसे में किसी भी मंत्री या अधिकारी को वास्तविक निरीक्षण करना है तो उन्हें औचक निरीक्षण करना चाहिए ताकि हकीकत का पता चल सके.