Madhya Pradesh News: कहते हैं कि हर कार्य की शुरुआत श्री गणेश भगवान के नाम से ही की जाती है. इंदौर (Indore) के खजराना गणेश मंदिर (Khajrana Ganesh temple) प्रबंधक द्वारा निर्णय लिया गया है कि भगवान गणेश को लगने वाला छप्पन भोग अब प्लास्टिक या थर्माकोल की थाली में नहीं लगाया जाएगा. स्वक्षता में नंबर वन इंदौर में इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है कि भगवान गणेश को विशेष थाली में भोग लगाया जाएगा.
चांदी की थाली में छप्पन भोग
दरअसल दिपावली के दूसरे दिन हमेशा खजराना गणेश मंदिर में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें भगवान गणेश को छप्पन भोग भी लगाया जाता है लेकिन इस बार दिपावली पर सूर्यग्रहण का साया है जिसके चलते इस पर्व के दिन को बदल कर इस बार यह महोत्सव भाई दूज के दिन यानी बुधवार को मनाया गया. इसमें इस बार पहली बार विशेष रूप से चांदी की थाली में छप्पन भोग अर्पित किए गए.
मंदिर के पुजारी ने क्या बताया
खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अशोक भट्ट ने बताया कि, खजराना गणेश मंदिर में भक्त अपने प्रिय भगवान को अपनी श्रद्धा के अनुसार दान करते हैं और चांदी के जेवर भी अर्पित करते हैं. कई श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में गणेशजी को मुकुट भेंट की जाती है. श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए चांदी के इन जेवरों, छोटे मुकुट आदि को पहले गलवाया गया फिर चांदी के जेवरों को गलवाकर ठोस चांदी बनाने का काम सर्राफा व्यापारी से करवाकर चांदी की थाली बनवाई गई है. इस कार्य को इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर कराया गया है. थालियों में लगने वाली पूरी चांदी खजराना गणेश प्रबंधन समिति द्वारा उपलब्ध करवाई गई है.
इस अन्नकूट महोत्सव के लिए विशेष रूप से चांदी की थालियां तैयार करवाई गई हैं जिसमें करीब 35 तोले यानी 350 ग्राम की एक थाली होगी. कुल 20 लाख की चांदी का उपयोग किया जा रहा है. इसके लिए कुल 56 थालियों का निर्माण कराया गया है. वहीं अन्नकूट के बाद अगर कोई भक्त भगवान गणेश को छप्पन भोग लगाने के लिए इन थालियों की मांग करता है तो मंदिर प्रबंधन द्वारा उनको अल्प राशि के भुगतान में ये थालियां उपलब्ध करवाई जाएंगी.