Indore News: इंदौर का ये मंदिर बना चर्चा का विषय, भक्तों को हो रहे शिव के ज्ञानवापी स्वरूप के दर्शन, जानिए-क्या है खास
MP News: समिति ने बंगाल से एक दर्जन से अधिक कारीगर मंदिर बुलवाकर बाबा बर्फानी की थीम पर रुई से पूरे मंदिर का सिंगार किया है जिससे लगता है कि बाबा बर्फानी की गुफा में प्रवेश कर रहे हैं.
Madhya Pradesh News: देश भर में चर्चा का विषय बने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के बाद जहां मामला कोर्ट में विचाराधीन है तो वहीं हर शिव भक्त भगवान के ज्ञानवापी स्वरूप के दर्शन करना चाहते हैं. मध्य प्रदेश में इंदौर (Indore) के एक मंदिर में सावन माह के मौके पर ज्ञानवापी स्वरूप भोलेनाथ के दर्शन हो रहे हैं. इस वजह से मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है.
ज्ञानवापी की तर्ज पर श्रृंगार
दरअसल सावन के मौके पर इंदौर के अग्रसेन चौराहे पर स्थित मनकामेश्वर कांटा फोड़ मंदिर में विशेष शृंगार किया गया है. समिति ने बंगाल से एक दर्जन से अधिक कारीगर मंदिर बुलवाकर बाबा बर्फानी की थीम पर रुई से पूरे मंदिर का सिंगार किया है जिससे लगता है कि बाबा बर्फानी की गुफा में प्रवेश कर रहे हैं. अंदर प्रवेश पर काशी विश्वनाथ बनाए गए हैं. साथ ही भगवान भोले मनकामेश्वर का ज्ञानवापी वाराणसी मस्जिद की तर्ज पर बनाकर श्रृंगार किया गया है. इसके दर्शन के लिए शहर के शिवभक्त उमड़ रहे हैं.
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क्या कहा यहां आए भक्तों ने
वहीं दर्शन करने आई भक्त सीमा कल्याणे का कहना है कि वह इस मंदिर में करीब 20 सालों से आ रही हैं लेकिन इस बार मनकामेश्वर भगवान के अलावा भी शिव भगवान के कई रूपों के दर्शन करने को मिल रहे हैं जो बहुत अच्छा लग रहा है और मन को शांति भी मिल रही है. वहीं दूसरी भक्त वंदना अग्रवाल ने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है. हम हर साल यहां आते हैं लेकिन इस बार कुछ नया किया गया है. अगर आप कहीं नहीं जा सकते हो तो सभी के दर्शन आप यहीं एक स्थान पर कर सकते हैं.
समिति के सदस्य ने क्या कहा
वहीं मंदिर प्रबंधन समिति के संदीप गोयल ने बताया कि, ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पिछले कई महीनों से देश में विवाद छिड़ा हुआ है. मामला कोर्ट में विचाराधीन है. भगवान ज्ञानवापी के दर्शन कराने की प्रेरणा स्वरूप यह उसी तर्ज पर बनाया गया है जो कि मनकामेश्वर महादेव मंदिर है. इस मंदिर के गर्भगृह में करीब 250 किलो चांदी लगाई गई है. इसी कारण पूरे हिंदुस्तान में मनकामेश्वर मंदिर को जाना जाता है. सामाजिक तौर पर यह संदेश देने की कोशिश है कि आप बाबा का चिंतन करें तो आपकी हर तमन्ना पूरी होगी.
मंदिर में किया गया रुई से श्रृंगार
इस मंदिर को बाबा बर्फानी धाम की तर्ज पर सजाने की कोशिश की गई है. पूरे मंदिर में रुई से श्रृंगार किया गया है. आने वाले भक्तों को अनुभूति होगी कि वह बर्फानी धाम मंदिर में ही दर्शन कर रहे हैं. इस मंदिर को कोलकाता से आए 12 कारीगरों द्वारा पिछले 15 दिनों में तैयार किया गया है. कोशिश यही है कि मंदिर में आने वाले ज्यादा से ज्यादा भक्तों को दर्शन करने का मौका मिले.
अगरबत्ती या दीपक बाहर जलाएं
बता दें कि, भक्तों को मंदिर के तरफ से ही दूध, बेलपत्र, धतूरा और फूल माला उपलब्ध कराया जा रहा है. मंदिर समिति ने मंदिर के प्रवेश पर ही एक नोटिस बोर्ड लगा रखा है कि पूरा श्रृंगार बाबा बर्फानी की गुफा की तर्ज पर किया गया है जिसमें रुई का इस्तेमाल किया गया है. इसलिए अगरबत्ती या दीपक मंदिर के बाहर ही जलाएं. गौरतलब है कि अगर आप काशी विश्वनाथ या बर्फानी धाम नहीं जा सकते तो आप मनकामेश्वर मंदिर जाकर दर्शन लाभ ले सकते हैं.