Madhya Pradesh News: देश भर में बच्चो के साथ यौन शोषण और उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. यौन शोषण और उत्पीड़न से बच्चों को बचाने के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में इंदौर पुलिस (Indore Police) के द्वारा लगातार मुहिम चलाई जा रही है. इस मुहिम का नाम ऑपरेशन एहसास (Operation Ehsaas) दिया गया है जिसके माध्यम से छोटे स्कूली बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में समझाया जा रहा है. दरअसल ऑपरेशन एहसास के तहत इंदौर पुलिस की एक टीम लगातार बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी देने के लिए स्कूल, कॉलेज और बस्तियों मे जा रही है ताकि किसी व्यक्ति द्वारा यदि उनके साथ गलत हरकत की जाये तो बच्चे उसे तुरंत समझकर उसकी जानकारी अपने माता पिता और परिजनों के साथ पुलिस की चाइल्ड हेल्पलाइन (Child Helpline) में कॉल करके दे सकें.


समझाया गया रोचक तरीके से 
इंदौर पुलिस के ऑपरेशन एहसास के तहत पुलिस टीम ने बजरंग नगर स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय में बच्चों के बीच पहुंचकर उन्हें रोचक तरीके से डमी पुतले के माध्यम से सुरक्षा से सम्बंधित गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी दी. साथ ही पुलिस टीम ने बच्चों से बात करते हुए पुलिस हेल्प लाइन नम्बर 100 और चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 के बारे में जानकारी देते हुए समझाया कि इन नम्बर पर कब कहां और किन परिस्तिथियों पर काल किया जाना चाहिये.


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गुड टच के बारे में दी जानकारी
गुड टच की बच्चों को जानकरी देते हुए उप निरीक्षक शिवम ठक्कर ने डमी पुतले के माध्यम से बताया कि क्या और किस तरह के होते है गुड टच. उन्होंने बच्चो को समझाया कि जब किसी व्यक्ति के द्वारा उन्हें टच करने पर सुखद और सुरक्षा का एहसास हो तो वह गुड टच है जैसे कि मां का गले लगाना, पिताजी का गुड नाइट किस, दादा-दादी का अपने बाहों में लेकर प्यार दुलार करना या फिर खेलते वक्त दोस्त का हाथ पकड़ना. इन सभी से बच्चों को सुखद और सुरक्षित एहसास की अनुभूति होती है.


बैड टच के बारे में दी जानकारी
वहीं निरी राधा जमोद द्वारा बैड टच के बारे जानकारी देते हुए बताया कि, यह ऐसा स्पर्श होता है जिससे बच्चे असहज और बुरा महसूस करते हैं. वह चाहते हैं कि इस प्रकार के स्पर्श को वे उसी समय रोक दें. खासकर बच्चों की अनुमति के बिना उन्हें कोई गलत तरीके से गलत जगह छूता है. उदाहरण के लिए अगर कोई बच्चे के निजी अंगों को छूता है और किसी को न बताने के लिए कहता है. इस प्रकार के बुरे स्पर्श से बच्चे हमेशा बचना चाहते हैं. उन्होंने बच्चों से कहा कि यदि उनके साथ कभी भी ऐसा हो तो उसे नजरअंदाज ना करें और अपने माता-पिता एवं परिजनों या पुलिस को जरूर बताएं. बच्चों ने पुलिस अधिकारियों की बातों को बड़े ध्यान से सुना और कई प्रश्न भी किए. कार्यक्रम में विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रेनू श्रीवास्तव और स्टाफ उपस्थित रहा. 


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