टेक्निकल मामलों में इंदौर नगर निगम की मदद करेगा IIT, जल्द होगा MOU साइन, ये होगा फायदा
Indore News: इंदौर अपना राजस्व एकत्र करने के लिए एक ऐप और वेबसाइट विकसित कर रहा है. IIT इंदौर से जल वितरण, ट्रैफिक प्रबंधन, नदी शुद्धिकरण, और राजस्व संग्रह में तकनीकी सहायता मांगी गई है.
Indore Municipal Corporation: इंदौर आने वाले समय में इंदौर का अपना राजस्व संग्रहण करने के लिए एप्लीकेशन विकसित किया जा रहा है, साथ ही वेबसाइट भी बनाई जा रही है. जिसके जरिए इंदौर से जुड़े लोगों को क्या इंदौर के रहने वाले लोगों को टैक्स जमा करने के लिए एप्लीकेशन का उपयोग आसानी से करने को मिलेगा.
हालांकि अभी भी इंदौर 311 एप्लीकेशन के जरिए लोग अपनी समस्याओं का समाधान करवाते हैं, लेकिन समग्र सुविधाओं को एक ही जगह पर लाने के लिए इस प्रकार की पहल की जा रही है.
इसी सिलसिले में आज इंदौर आईआईटी के डायरेक्टर डॉ सुहास जोशी ने इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मुलाकात की, सुहास जोशी ने मुलाकात के दौरान उन तमाम विषयों पर बातचीत की जो इंदौर के विकास के लिए जरूरी है. इनमें मुख्य तौर पर जल वितरण और ट्रैकिंग सिस्टम में तकनीकी सहायता के लिए आईआईटी इंदौर से मदद मांगी गई है.
सहायता के लिए किया है आग्रह
इंदौर शहर में ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है और ट्रैफिक से जुड़ी समस्याओं का निदान के लिए तकनीकी सहायता बहुत जरूरी है, इसके लिए भी महापौर ने इंदौर आईआईटी के डायरेक्टर से कहा है कि वह अपने संस्थान के माध्यम से इंदौर के ट्रैफिक को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. इस पर काम करें और उसके लिए कुछ विकल्प बताएं. इंदौर महापौर ने ट्रैफिक के अलावा नदी शुद्धिकरण डिजिटल सहायता के लिए भी आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर से सहायता के लिए आग्रह किया है.
इंदौर के लिए है बड़ी चुनौती
आपको बता दें कि इंदौर में स्वच्छता को लेकर लगातार काम किया जा रहा है क्योंकि इंदौर लगातार सात बार स्वच्छता में नंबर एक का अवार्ड पूरे देश में जीत रहा है ऐसे में अब इस पायदान पर बने रहना इंदौर के लिए बड़ी चुनौती है और आने वाले समय में ट्रैफिक मैनेजमेंट भी किसी से जोड़कर देखा जाएगा.
मोबाइल एप्लीकेशन बनाने में मदद मांगी है आईआईटी इंदौर से
इधर इंदौर में रेवेन्यू से जुड़े हुए मामलों को लेकर भी महापौर चिंतित हैं और मध्य प्रदेश के राजस्व पोर्टल के खराब हो जाने के बाद नगर निगम हर बार लोगों को राजस्व संपत्ति कर जमा करने के लिए मैसेज भेज रहा है, जो लोग में पैसा जमा कर चुके हैं उन्हें भी दोबारा मैसेज भेजा जा रहा है. ऐसे में अब लोगों के लिए यह एक बड़ी समस्या बन गया है. इस समस्या के निदान के लिए भी महापौर ने अपना खुद का इंदौर नगर निगम का डिजिटल पोर्टल बनाने और उसका मोबाइल एप्लीकेशन बनाने में आईआईटी इंदौर की मदद मांगी है.
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