Indore MBA Chai Wala: मध्य प्रदेश के इंदौर में 'एमबीए चायवाले' के नाम पर कई लोगों से ठगी की खबर है. इस मामले में इंदौर के कई थानों में ठगी का शिकार हुए लोगों ने शिकायत दर्ज कराई और इंसाफ की गुहार लगाई है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि पूरे ही मामले में जांच कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.
दरअसल, देश भर में एमबीए चाय वाले के नाम से हुए मशहूर प्रफुल्ल बिल्लौर की अब मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. क्योंकि इस नाम से इंदौर सहित देशभर में फ्रैंचाइजी के तहत कई आउटलेट खुल गए हैं और अब सभी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. यही वजह है कि इंदौर के लसुड़िया, भंवरकुआ, साउथ तुकोगंज, एमआईजी, विजय नगर, पलासिया सहित अन्य थानों में शिकायती आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की जा रही है.
'हर महीने हो रहा है 6 लाख का घाटा'
इंदौर के रहने वाले तन्मय चौकसे, जिन्होंने एमबीए चाय वाले के नाम से भंवरकुआ क्षेत्र में आउटलेट खोला था, उन्होंने लसुड़िया पुलिस को फाउंडर प्रफुल्ल बिल्लौर के खिलाफ शिकायत की है. तन्मय का कहना है कि उन्होंने आउटलेट को खोलने के लिए प्रफुल्ल बिल्लौर और अन्य लोगों से संपर्क किया था. प्रफुल्ल बिल्लौर से जुड़े कुछ लोगों ने फ्रैंचाइजी देने के लिए 13 लाख रुपये कंपनी के अकाउंट में जमा करवाए. इसके बाद, आउटलेट में इंटीरियर डिजाइन और बाकी तरह के खर्चे मिलाकर 27 लाख रुपये का इंवेस्टमेंट किया. बाकी कई खर्चे जोड़कर तन्मय ने 32 लाख खर्च किए.
वहीं कंपनी ने हर महीने तकरीबन लाखों रुपये कमाने का आश्वासन दिया था, लेकिन तन्मय का कहना है कि हर महीने 2-6 लाख का घाटा हो रहा है. इसके चलते करीब 7 आउटलेट संबंधित व्यक्तियों ने आउटलेट बंद कर दिए हैं. जब कंपनी के लोगों को यह जानकारी दी गई तो वह किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं. न ही चलाने में कोई मदद कर रहें. बताया कुछ और दिया कुछ है. इन आउटलेट के मालिकों का कहना है कि उनके साथ फ्रॉड किया गया है.
'20 लाख रुपये लेने के बाद भी मदद न करने का आरोप'
वहीं, लखनऊ से आए विनीत राय ने भी इंदौर आकर पुलिस में शिकायत की है. उन्होंने भी लखनऊ में एमबीए चायवाले के नाम से फ्रैंचाइजी लेकर आउटलेट खोला था, जिसमें लगातार घाटा हो रहा था. उन्होंने कंपनी के लोगों को 20 लाख रुपये दिए थे, जिसमें 7 लाख रुपये फ्रैंचाइजी फीस थी. बाकी के पैसे उन्होंने किचन इंस्स्ट्रूमेंट और रॉ मटेरियल में लगाए. विनीत का आरोप है कि उनसे यह कहा गया था कि पार्टनर की तरह मिलकर काम करेंगे. करीब 6 महीने कंपनी का एक बड़ा व्यक्ति बैठेगा और पूरा आउटलेट अच्छे से रन कराकर देगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया और अब हाथ खड़े कर दिए गए.
वहीं, जब इंदौर के आउटलेट के बारे में भी जानकारी निकाली गई तो वहां पर भी इसी तरह से घाटा सामने आया है. उन लोगों ने भी एमबीए चाय वाले की दुकानों को बंद कर कंपनी से हर्जाने के रूप में पैसों की डिमांड की. वहीं, जो उन्होंने डिपॉजिट राशि जमा की थी उसे भी वापस मांगा जा रहा है. लेकिन कंपनी की ओर से किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जा रही है. इसलिए हम लोग कानून की मदद ले रहे हैं.
प्रफुल्ल बिल्लौर की सफाई- 'कंपनी का नाम बिगाड़ने की कोशिश'
वहीं, एमबीए चाय वाले के फाउंडर प्रफुल्ल बिल्लौर का कहना है कि पिछले कुछ समय से कुछ लोग हमारी कंपनी का नाम बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो सरासर गलत है. हमारे द्वारा इतना पैसा नहीं लिया गया है, जितना बताया जा रहा है. जो लिया है, सब अकाउंट के द्वारा ही लिया गया है. जो धोखाधड़ी का आरोप लगाए जा रहे हैं, वह गलत हैं. जो कुछ शिकायत है उसका हल भी संभव है. हमारी तरफ से किसी को भी कितना प्राफिट होगा यह गारंटी नहीं दी गई है और न ही कोई दे सकता है.
वहीं, डीसीपी सूरज वर्मा के अनुसार पूरे ही मामले में आवेदकों ने जो भी शिकायत की है. उसके आधार पर जांच पड़ताल कर आने वाले दिनों में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कई राज्यों से आईं एमबीए चायवाले के खिलाफ शिकायतें
एमबीए चाय वाला कंपनी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ और प्रयागराज के अलावा वही गुजरात के अहमदाबाद, सूरत से भी शिकायतें आ चुकी हैं. इसके अलावा, राजस्थान के भी कुछ लोग शामिल हैं, जो पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचे हैं.
यह भी पढ़ें: MP Politics: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसके लिए कहा- 'मुंह में राम बगल में छुरी'