Indore News: सब कुछ ठीक रहा तो 2023 तक इंदौर के मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट (Metro Project) के दूसरे चरण का काम पूरा हो जाएगा. 17 किलोमीटर लंबे मार्ग पर बनाये जाने वाले मेट्रो ट्रैक पर कुल 17 स्टेशन बनाये जाएंगे लेकिन शुरुआत में प्राथमिकता के साथ गांधी नगर, अरविंदो चौराहा, विजय नगर और रेडिशन चौराहा पर मेट्रो स्टेशन तैयार किये जायेंगे. हाल ही में इंदौर में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के कामकाज की प्रगति की समीक्षा बैठक 'इंदौर मेट्रो कॉरपोरेशन' के ऑफिस में हुई थी. बैठक में कलेक्टर ने कहा कि मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए लोगों से चर्चा करना जरूरी है. तभी इसे जन उपयोगी बनाया जा सकता है. लोगों की जरुरत के अनुसार मेट्रो स्टेशन निर्माण और मेट्रो एलाइनमेंट करने में आसानी होगी. वहीं सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मेट्रो की इंदौर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी जरूरी है. पैसेंजर्स की सबसे ज्यादा संख्या यहीं पर मिलेगी.  
   
बैठक में प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन छवि भारद्वाज, कलेक्टर मनीष सिंह, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, इंदौर मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के एडिशनल जनरल मैनेजर अनिल कुमार जोशी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के फेस-1 एवं फेस-2 के कामकाज को जल्द पूरा करने के दिशा-निर्देश दिए गए. इसके साथ ही टोपोग्राफिक सर्वे प्लान पर आधारित स्ट्रीट ट्रैवल प्लान पर भी चर्चा की गई. बैठक में दिखाए गए स्ट्रीट ट्रैवल प्लान प्रेजेंटेशन की समीक्षा के दौरान सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मेट्रो स्टेशन की इंदौर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है क्योंकि, पैसेंजर्स की सबसे ज्यादा संख्या यहीं पर मिलेगी. उन्हें मेट्रो से एयरपोर्ट के बीच आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए मेट्रो स्टेशन एयरपोर्ट के पास ही बनना चाहिए. इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ आवश्यक चर्चा भी की जाएगी. उन्होंने इंदौर के प्रमुख क्षेत्रों जैसे गांधीनगर, अरविंदो, चंद्रगुप्त चौराहा एवं विजय नगर चौराहे पर प्राथमिकता के साथ मेट्रो स्टेशन बनाने और उसके एलाइनमेंट में आवश्यक संशोधन करने के भी निर्देश दिए.


उन्होंने कहा कि एलाइनमेंट और स्टेशन का निर्धारण इस तरह से किया जाना चाहिए जो जनता के लिए जन उपयोगी साबित हो. लोगों की सुविधा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. कलेक्टर मनीष सिंह ने भी मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के निर्माण में लोगों से चर्चा करने को बेहद आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि इससे हम प्रोजेक्ट को जन उपयोगी बना पाएंगे और लोगों की आवश्यकता अनुसार मेट्रो स्टेशन निर्माण एवं मेट्रो एलाइनमेंट करने में आसानी होगी. कलेक्टर ने फेस-2 के भूमि निर्धारण के लिए तहसीलदार, आरआई, पटवारी और नगर निगम एआरओ एवं मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारियों के साथ चिन्हित क्षेत्रों का भौतिक सर्वे करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सर्वे के अनुरूप जमीन आवंटित की जाएगी. बैठक में महाराष्ट्र मेट्रो प्रोजेक्ट के डायरेक्टर महेश कुमार के नागपुर में बनाए गए डबल डेकर एवं मल्टी लेयर मॉडल का प्रेजेंटेशन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिखाया गया. सांसद ने कहा कि इस तरह का मॉडल इंदौर में भी तैयार किया जाए. खासकर एबी रोड पर बनाए जा रहे एलिवेटेड ब्रिज पर इस तरह के मॉडल पर आधारित मेट्रो ट्रेन रूट का निर्माण किया जा सकता है.


बैठक में इंदौर मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारियों की तरफ से पूर्व की बैठक में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए दिए निर्देशों के अनुरूप बनाई गई कार्य योजना पर भी प्रेजेंटेशन दिया गया. इसमें बताया गया कि किस तरह से भविष्य में केबल कार, बीआरटीएस एवं रेलवे स्टेशन का इंटीग्रेशन मेट्रो स्टेशन से किया जाएगा. जिसके तहत निरंजनपुर से लेकर राजीव गांधी चौराहे तक के ट्रैक की डीपीआर बनाने पर भी सहमति बन गई. बैठक में चर्चा के दौरान इंदौर में नागपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के डबल डेकर टियर कॉरिडोर की उपयोगिता पर सवाल भी उठा. सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि प्रारंभिक रूप से निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहा तक बीआरटीएस पर इस तरह का डबल डेकर टियर सिस्टम बनाया जा सकता है. नागपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के टेक्निकल डायरेक्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वहां के डबल डेकर मेट्रो रेल कॉरिडोर का प्रेजेंटेशन भी दिया. 


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