MP News: मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के खिलाफ एक्शन, महिला सिपाही ने स्टूडेंट बन किया आरोपियों का पर्दाफाश
MGM Medical College: इंदौर स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की शिकायत के बाद, महिला पुलिसकर्मी ने छात्रा की वेशभूषा में 11 आरोपियों को धर दबोचा. फिलहाल, आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है
MP Anti Ragging News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज (MGM Medical College) में हो रैगिंग का एक महिला आरक्षक ने खुलासा किया. महिला सिपाही ने (Lady Constable) जूनियर स्टूडेंट बनकर इस मामले में राजफाश किया है. महिला ने जो सबूत पेश किए, उस आधार पर आरोपी सीनियर छात्रों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है.
दरअसल, पिछले दिनों संयोगितागंज थाना क्षेत्र में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में हो रही रैगिंग के मामले को लेकर कई छात्रों ने गोपनीय रूप से एंटी रैगिंग कमेटी को ऑनलाइन शिकायत की थी. इसके बाद इस संबंध में एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा संयोगितागंज थाने में केस दर्ज कराया गया था.
रैगिंग के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने बनाई विशेष योजना
संयोगितागंज थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि जुलाई में रैगिंग की शिकायत मिली थी, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने जांच में कोई मदद नहीं की. इसके बाद महिला आरक्षक सलोनी चौहान को छात्रा की वेशभूषा में कॉलेज पहुंचाया गया. उन्होंने बताया कि महिला आरक्षक ने रैगिंग करने वाले छात्रों के हरकतों के आधार पर, उनका नाम चिन्हित किया. जिसके बाद पुलिस ने इन 11 छात्रों को रैगिंग को लेकर नोटिस थमाते हुए कार्रवाई की है.
आरक्षक शालिनी चौहान ने बताया कि वह अपने पिता के देहांत के बाद अनुकंपा नियुक्ति पर पदस्थ हुई हैं. उन्होंने कहा कि, उन्होंने छात्र जीवन में और छात्रों के लिए अभिशाप माने जाने वाली रैगिंग के दंश पर एक बड़ा प्रहार किया है. शालिनी चौहान ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों और थाना प्रभारी तहजीब काजी के निर्देश पर यह महत्वपूर्ण कार्य किया गया है.
शालिनी चौहान ने बताया कि मेरे जरिये छात्रा बन कर कॉलेज में जाकर दूसरे छात्रों के साथ समय बिताया, रैगिंग की कंप्लेंट से संबंधित सूचना के बारे में सभी पहलुओं से जानकारी जुटाई. रैगिंग की सूचना अपने सीनियर अधिकारियों तक पहुंचा कर इस जुर्म को बेनकाब किया, इससे शायद यहां पर बहुत हद तक रैगिंग जैस कुकृत्य पर काबू पाया जा सके.
गौरतलब हो कि कई बार रैगिंग से आहत कर छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, कभी वह आत्महत्या जैसे भयानक कदम भी उठा लेते हैं. इस कार्रवाई के संबंध में एक छात्र ने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने रैगिंग के आरोपियों पर यह कार्रवाई की है, वह इस अपराध को रोकने में एक मील का पत्थर साबित होगी. वहीं आने वाले दिनों में एमजीएम मेडिकल कॉलेज भी इन रैगिंग करने वाले 11 छात्रों कड़ी कार्रवाई कर सकता है.
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