चुनावी साल को लेकर ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार जनता को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती. मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने का अभियान छिड़ा हुआ है. मामा शिवराज की मंशा है कि हर गरीब का अपना घर हो और जब जैसी परिस्थिति में उसने जिस भूमि पर मकान बनाया है अगर वह न्याय संगत है तो इसका भरपूर लाभ दिया जाना चाहिए.


इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए इंदौर नगर निगम ने भी कई अवैध कॉलोनियों को वैध करने का अभियान चला रखा है. निगम तो अवैध कॉलोनियों को वैध कर रहा है लेकिन जो भूखंड विकास प्राधिकरण के हिस्से में हैं और वहां मकान बने हैं उनका क्या होगा. इस विषय पर गहनता से विचार किया गया और नतीजा रहा कि अब विकास प्राधिकरण ने भी अवैध कॉलोनियों को वैध करने का शुभारंभ कर दिया है. 


ABP से चर्चा में आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अवैध कॉलोनी को वैध करने का जो अभियान पूरे प्रदेश में चला रखा है उसमें बीच में बात आ रही थी कि इंदौर विकास प्राधिकरण के कारण से कई कॉलोनियां हैं जो वैध नहीं हो पा रही है.


वहीं जब खोजबीन की तो पता चला कि ऐसी कई स्कीम है, जो जिनका डिनोटिफिकेशन समय के साथ में होना चाहिए था किंतु वहा उनका नोटिफिकेशन नहीं हो पाया. इस सिलसिले में शुरुआत में पांच स्कीम चयनित की गयी हैं जिनको डी नोटिफिकेशन करने के लिए सरकार से अनुशंसा की है जिससे बाकी की कॉलोनियों को भी वैध होने की पात्रता मिल सकेगी. 


इंदौर विकास प्राधिकरण की संचालक मंडल की बैठक क्या हुआ फैसला?


इंदौर विकास प्राधिकरण की संचालक मंडल की बैठक गुरुवार को संपन्न हुई. बैठक में कलेक्टर इलैया राजा, टी निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक में प्राधिकरण द्वारा आगामी समय में लाई जा रही तमाम योजनाओं के बारे में चर्चा की गई.


बैठक में स्कीम नंबर 126 और 127 का नोटिफिकेशन किए जाने के प्रस्ताव पर सहमति. व्यक्त की गई है और अब इसका प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा. वहीं शहर में तीन स्थानों पर महिला उद्यमिता केंद्र बनाने को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई.


इसके साथ ही महाराजा यशवंतराव अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों के लिए सर्वसुविधायुक्त भवन के लिए बैठक में कई बिंदु रखे गए. आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा की मानें तो विभाग द्वारा अभी शहर की ऐतिहासिक धरोहर को सजाने संवारने का काम भी किया जाएगा. वहीं महू नाका सहित अन्य क्षेत्रों में बनने वाले फ्लाईओवर के कार्य को लेकर भी कई तरह का निर्णय बैठक में लिए गए. साथ ही सामान्य वर्ग के लिए भी छोटे भूखंड उपलब्ध कराने को लेकर आवासीय भूखंडों के पुनर्नियोजन का निर्णय भी बैठक में लिया गया. 


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