Indore Municipal Corporation: इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) में बीती शाम एक अहम बैठक रखी गई थी. जिसमें कांग्रेस (Congress) के पार्षदों को उनकी बात रखने और उनके क्षेत्रों में हो रहे या होने जा रहे विकास कार्यो पर चर्चा की जानी थी. लेकिन ये बैठक शुरू होने से पहले ही विवादों से घिर गई.


कुछ समय पहले ही इंदौर की नगर निगम आयुक्त बनीं हर्षिका सिंह (Indore Municipal Corporation Commissioner Harshika Singh) ने अपने तेवर साफ कर दिए और कहा कि इस बैठक में सिर्फ पार्षद ही अपनी बात रखेंगे. उन्होनें कहा कि इसे बीजेपी कांग्रेस से जोड़कर न देखा जाए और आगे से भी ध्यान रखा जाए कि कोई गैर जनप्रतिनिधि आकर यहां पार्षद की बात न रखे. 


कमिश्नर के आदेश के बाद उठकर चलते बने कांग्रेसी नेता
इधर जैसे ही कांग्रेस नेताओं ने कमिश्नर सिंह का आदेश सुना वे उठकर खड़े हो गए और एक दूजे को इशारा करते हुए बाहर रवाना होने लगे. ये देखकर नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन वे उन्हें रोकने में असफल रहे. 


पार्षद भलें ही महिला है लेकिन पार्षद पति हावी हैं
इंदौर की राजनीति में ये कोई नया वाक्या नही है. जहां एक ओर महिला सीट होने पर राजनीतिक दलों ने महिलाओं को चुनाव लड़वाया और जिताया है तो वहीं महिलाएं अपने क्षेत्र में कम ही दौरे पर निकलती हैं उनके स्थान पर उनके पति या पिता ही क्षेत्रवासियों से संपर्क करते हैं. ऐसे में ये चलन अक्सर आम तौर पर देखा जाता रहा है. लेकिन बैठक में जिस तरह से कमिश्नर ने कांग्रेसी पार्षद के पतियों को खरी खरी सुनाई है उसके बाद राजनीति की गलियों में इसकी गूंज सुनाई देने लगी है.


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