MP: इंदौर नगर निगम में करोड़ों का फर्जी बिल घोटाला, जांच में पुलिस को अब तक क्या पता चला?
MP News: इंदौर के नगर निगम फर्जी ड्रेनेज बिल घोटाले में पुलिस ने नगर निगम के ठेकेदारों समेत कई अन्य आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस हस्ताक्षरों के जरिए आरोपियों की पहचान कर रही है.
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MP Latest News: मध्य प्रदेश में पुलिस को इंदौर नगर निगम के फर्जी ड्रेनेज बिल घोटाले से जुड़ी 22 फाइलों की रिपोर्ट मिली है. रिपोर्ट में पाया गया कि नगर निगम के ठेकेदार राहुल बडेरा और मोहम्मद जाकिर के सिग्नेचर तो मिलते हैं, लेकिन घोटाले में गिरफ्तार किए गए पहले आरोपियों के बताए गए अन्य अधिकारियों के साइन मेल नहीं खा रहे हैं.
पुलिस अफसरों ने बताया कि फाइलों से 100 करोड़ से भी अधिक के घोटाले का खुलासा हुआ है. इस मामले में कुछ ठेकेदारों और IMC के अधिकारियों पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है. ठेकेदारों ने ड्रेनेज का काम किए बिना ही फर्जी बिल तैयार कर करोड़ों रुपये अपने बैंक खातों में डलवा लिए थे. पुलिस के हाथों लगी सभी फाइलें फर्जी थीं. ठेकेदारों ने फाइलों को अकाउंट सेक्शन में पेश करने और अपने बैंक खातों में पैसे डलवाने के लिए कुछ अधिकारियों की मदद ली थी.
मुख्य आरोपी समेत कई लोग गिरफ्तार
घोटाले के मुख्य आरोपी और नगर निगम के असिस्टेंट इंजिनियर अभय राठौर समेत करीब एक दर्जन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने कई फाइलें बरामद की और उन्हें ठेकेदारों और अधिकारियों के हस्ताक्षरों की जांच के लिए भेजा गया, ताकि घोटाले में उनकी भूमिका का पता चल सके.
संदिग्धों के हस्ताक्षरों की जांच में जुटी पुलिस
घोटाले का पता चलने के बाद शिकायत दर्ज कराने वाले तत्कालीन अतिरिक्त नगर आयुक्त संदीप सोनी और सहायक अभियंता सुनील गुप्ता के हस्ताक्षर भी जांच के लिए भेजे गए थे. हालांकि, सोनी और गुप्ता के हस्ताक्षर फाइलों में मौजूद हस्ताक्षरों से मेल नहीं खा रहे थे, वहीं घोटाले में अभी तक इन दोनों की कोई भूमिका नहीं पाई गई है.
इधर राहुल बडेरा और मोहम्मद जाकिर के हस्ताक्षरों का मिलान होने के बाद आगे की जांच जारी है. उन्होंने फाइलों में अपने हस्ताक्षरों का इस्तेमाल किया था. पुलिस अन्य आरोपियों और संदिग्धों की भूमिका जानने के लिए बाकी फाइलों की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
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