Indore News Today: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में राज्य सरकार ने हर उस जगह सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया है, जहां एक समय में 100 या इससे ज्यादा लोगों के जुटने की संभावना हो. इससे अपराध पर अंकुश लगाने पर लगाम लगेगा. अधिकारियों ने शुक्रवार (13 सितंबर) को यह जानकारी दी.


इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि सूबे के नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने "इंदौर सामुदायिक कैमरा निगरानी प्रणाली" की उप-विधियों को मंजूरी प्रदान की. इस दौरान प्रदेश के राजपत्र में इसके नियम- कायदों का प्रकाशन भी कर दिया गया है.


सीसीटीवी से अपराध पर लगेगा अंकुश
इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मीडिया से कहा कि सीसीटीवी कैमरों के जरिये सामुदायिक निगरानी प्रणाली को जन भागीदारी से लागू कराने के मामले में इंदौर देश का पहला शहर बनेगा. उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत शहर भर में हजारों नये सीसीटीवी कैमरे लगने से अपराधों पर अंकुश लगेगा और नागरिकों में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी.


CCTV रखरखाव पर महापौर ने क्या कहा?
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया, "इसके तहत शहर के सारे सीसीटीवी कैमरों को एक कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा और वहां इनकी लाइव फीड देखी जा सकेगी." उन्होंने बताया कि भविष्य में किसी प्रकार की घटना होने पर वह सीसीटीवी की जद में आ जाएगा.


इसके रखरखाव को लेकर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि अगर किसी स्थान पर लगा सीसीटीवी कैमरा बंद होगा, तो संबंधित व्यक्ति के पास नोटिस पहुंच जाएगा कि वह दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए इसे 24 घंटे के भीतर चालू कर ले.


नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि सामुदायिक कैमरा निगरानी प्रणाली के नियम- कायदों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति या प्रतिष्ठान पर भारतीय न्याय संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अन्य संबद्ध कानूनों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले के दोषियों से जुर्माना भी वसूला जाएगा.


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