Indore Municipal Corporation News: इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा एक ही कांग्रेस के द्वारा दी गई चेतावनी के कारण आज नगर निगम के दो अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. अभी भी अधिकारी घोटाला करने वाले ठेकेदार को बचाने में लगे हुए हैं. आज नगर निगम आयुक्त के द्वारा एक मामले में दोषी पाए गए नगर निगम के अधिकारी सतीश गुप्ता को निलंबित कर ट्रेचिंग ग्राउंड पर अटैच कर दिया गया है. इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त उप यंत्री कमलेश शर्मा की सेवा समाप्त कर दी गई है.



चौकसे ने कहा कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्षद दल के द्वारा निगम आयुक्त के कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया था. उस समय पर प्रभारी आयुक्त सिद्धार्थ जैन को एक ज्ञापन देकर कहा गया था कि कुंदन नगर में गड़बड़ी करने वाली फर्म सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में दोषी इस क्षेत्र के जोनल कार्यालय के तत्कालीन अधिकारी सतीश गुप्ता तथा उप यंत्री कमलेश के खिलाफ सात दिन में कार्रवाई की जाए अन्यथा कांग्रेस फिर से आंदोलन करेगी.

ये दी चेतावनी
कांग्रेस के द्वारा दी गई इस चेतावनी का असर यह हुआ कि आज नगर निगम आयुक्त के द्वारा सतीश गुप्ता को निलंबित कर ट्रेचिंग ग्राउंड पर अटैच कर दिया गया है. इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके अतिरिक्त अप यंत्री कमलेश शर्मा की सेवा समाप्त कर दी गई है.

चौकसे ने कहा कि कांग्रेस की मांग के आधार पर यह कार्रवाई जरूर हो गई है लेकिन अभी भी नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी ठेकेदार को बचाने में लगे हुए हैं. यही कारण है कि इस ठेकेदार फर्म के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके साथ ही इस फर्म को ब्लैक लिस्ट करने की भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस फर्म को अब तक जो 1.5 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. उसके पूरे कामकाज का फिजिकल वेरिफिकेशन कराया जाना चाहिए.

ये था प्रदर्शन
नगर निगम के जोन क्रमांक 14 के वार्ड क्रमांक 79 में मात्र 40 लाख रुपए का काम करने वाले ठेकेदार को 1.5 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिए जाने के मामले में जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर बीते दिनों इंदौर शहर कांग्रेस पार्षद दल के द्वारा नगर निगम के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया था. इस कॉलोनी की अलग-अलग गलियों में सड़क निर्माण के लिए नगर निगम के द्वारा सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर को ठेका दिया गया. आरोप है कि ठेकेदार फर्म के द्वारा मात्र कुछ लाख रुपए का काम किया गया और निगम के लेखा विभाग में अधिकारियों से मिलीभगत कर 1.45 करोड़ रुपए का बिल लगा दिया गया.

कांग्रेस ने कहा की अब जब मामला उजागर हुआ तब सड़क बनाने की कोशिश करने की नौटंकी की जा रही है. यह पूरा कार्य जन कार्य विभाग के अंतर्गत किया गया. इस मामले में ठेकेदार फर्म के द्वारा इस जोनल कार्यालय के जोनल अधिकारी सतीश गुप्ता और सब इंजीनियर कमलेश के साथ मिलकर इस खेल को अंजाम दिया गया. इस खेल में निगम के मुख्यालय में स्थित जनकार्य विभाग के अधिकारी भी शामिल थे. इस मामले में उल्लेखनीय तथ्य यह है कि पिछले कुछ सालों के दौरान मात्र तीन जोनल कार्यालय के क्षेत्र में कार्य करने वाले इस ठेकेदार को नगर निगम के द्वारा 15 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि का भुगतान किया गया है.


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