Indore News Today: इंदौर नगर निगम ने नया प्रयोग शुरू किया है. इसके तहत अब नगर निगम की रिमूवल टीम के कर्मचारी आर्मी की ड्रेस में नजर आएंगे. ये आर्मी की ड्रेस तो नहीं है, लेकिन आर्मी के जैसी दिखने वाली ड्रेस कर्मचारियों को पहनाई गई है. 


यह ड्रेस इसलिए पहनाई गई है क्योंकि कर्मचारी जब रिमूवल करने जाते हैं तो उनसे लोग विवाद करने लगते हैं और बात आगे बढ़ जाती है. इन सब पर लगाम लगाने के लिए रिमूवल टीम को अब आर्मी वाली ड्रेस पहनाई जाएगी. जिससे लोग डरें और नगर निगम के कर्मचारी अपने कार्यों को सुचारू रुप से कर सकें.






नगर निगम कर्मचारियों की ड्रेस बनी कौतूहल
इंदौर नगर निगम ने यह ड्रेस उन कर्मचारियों को पहनाई है जो अतिक्रमण विरोधी दस्ते में काम करते हैं. यह लोग जब कार्रवाई करने जाते हैं तो लोग अक्सर इसे वाद विवाद करते हैं और कार्रवाई को रोकने का प्रयास करते हैं. नगर निगम के कर्मचारी और अतिक्रमणकारियों के बीच कभी-कभी ये विवाद इतना बढ़ जाता है कि बात पुलिस थाने तक पहुंच जाती है. 


इन विवादों से बचने के लिए इंदौर नगर निगम कमिश्नर ने यह अनूठा प्रयोग किया है. नगर निगम ने ये नियम आज बुधवार (15 मई) ही से लागू कर दिया है. आज सभी कर्मचारियों को सुबह यह ड्रेस बांट दी गई. नगर निगम के कर्मचारियों को आर्मी ड्रेस पहने हुए देख कर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को आर्मी ड्रेस में देखकर कौतूहल जिज्ञासा में लोग घरों से बाहर निकल आए.


हालांकि बाद में कर्मचारियों से पूछा गया कि आर्मी की ड्रेस उन्होंने क्यों पहनी है, तो उन्होंने बताया कि इंदौर नगर निगम कमिश्नर ने नए प्रयोग के तहत उन्हें यह ड्रेस दी है. यह ड्रेस उन्हें इसलिए पहनाई गई है, जिससे उनसे कोई विवाद ना करें और लोग डरें और वह अपनी कार्रवाई पूरी करके वापस आसानी से आ सकें.


'ग्वालियर में प्रयोग रहा है सफल''
इंदौर नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा का कहना है कि यह ड्रेस पहनने के पीछे यही मुख्य कारण है कि अक्सर लोग अतिक्रमण की कारवाई करने वाले कर्मचारियों के साथ विवाद करते हैं, रिमूवल टीम को लड़ाई से और विवाद से बचने के लिए यह सब किया गया है. उन्होंने कहा कि यह प्रयोग ग्वालियर नगर निगम में कमिश्नर रहते हुए किया था और यह प्रयोग सफल रहा था. ग्वालियर में इस प्रोजेक्ट को लागू करने के बाद अब इंदौर में भी इसे शुरु किया गया है. 


पूर्व सैनिक ने जताई नाराजगी
नाम उजागर न करने की शर्त पर इंदौर के नजदीक देपालपुर क्षेत्र के ही एक पूर्व सैनिक ने कहा कि इस तरह के सेवा के कपड़े पहनना भारतीय सेना का अपमान है. इस तरह से लोगों के दिमाग में सेना के प्रति नकारात्मक भाव जाएगा. लोग अक्सर ये सोचेंगे कि आर्मी इस तरह की कार्रवाई कर रही है और उसे बुलाकर के मकान तुड़वाया जा रहा है.


ऐसे में जो आर्मी देश सेवा के भाव को दिल में लेकर चलती है, उसकी ड्रेस के जैसी दिखने वाली अन्य ड्रेस लोगों को पहना कर आखिर नगर निगम क्या दिखाना चाहता है? क्या इससे लोगों के दिमाग में सेना के लिए नकारात्मक भाव पैदा नहीं होंगे और क्या इंदौर नगर निगम कमिश्नर इसकी गारंटी ले सकते हैं?


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