Indore News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का क्षेत्रफल तेजी से फैल रहा है और बढ़ती जनसंख्या के साथ ही घरों, दफ्तर और दुकानों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. ऐसे में ई-कॉमर्स कंपनियों से लेकर प्रशासन की पहुंच से कई एड्रेस दूर रह जाते है. कई बार तो हालात ये हो जाते हैं कि जरूरतमंदों को जब पता नहीं मिलता है तो उन्हें किसी खत की तरह बैरंग होकर लौटना पड़ता है.


इन सभी असुविधाओं से इंदौरवासियों और ई-कॉमर्स कंपनियों को निजात दिलाने के लिये इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (Indore Smart City Development Limited) ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एक कदम आगे बढ़ाते हुए 'पता डॉट कॉम' (pataa.com) के साथ एक एमओयू साइन किया है ताकि इंदौर के हर एक घर को एक यूनिक आइडेंटिटी कोड जारी किया जा सके. नेविगेशन सिस्टम के आधार पर डिजिटल एड्रेस वाला यह कॉन्सेप्ट इंदौर को देश के सभी शहरों से अलग करेगा और आने वाले समय में इंदौर देश का पहला ऐसा शहर बन जायेगा जहां सभी एड्रेस डिजिटल हो जाएंगे और स्मार्ट सिटी के हर घर का स्मार्ट पता होगा. इसी के चलते इंदौर स्मार्ट सिटी और 'पता डॉट कॉम' के बीच एमओयू साईन किया गया है.


डिजिटल एड्रेस के लिए पता डॉट कॉम से किया करार
स्मार्ट सिटी कार्यपालक निदेशक व नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि इंदौर को स्मार्ट सिटी बनाने के साथ ही इंदौर डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम वाला भारत का पहला शहर बनने जा रहा है जिसके लिए स्मार्ट सिटी ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इंदौर स्थापित पता नेवीगेशन के साथ एमओयू साईन किया गया है, इसके बाद शहर के हर एड्रेस पर पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा.


हर घर का होगा एक यूनिक कोड
बताया जा रहा है कि 'पता डॉट कॉम' द्वारा हर एड्रेस का एक युनिक कोड नंबर उपलब्ध कराया जाएगा. जिसमें एड्रेस के साथ फोटो भी रहेगा. इंदौर स्मार्ट सिटी के सीईओ ऋषभ गुप्ता और पता नेवीगेशन के रजत जैन के मध्य स्मार्ट सीड एक्युबेशन सेंटर पर एमओयु साईन किया गया.  ऋषभ गुप्ता ने बताया कि पता नेविगेशन ने एक पेटेंटेड एडवांस्ड तकनीक विकसित की है और हाल ही में देश के लिए एक डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम बनाने के लिए इसरो के साथ भागीदारी की है जो हमारे इंदौर शहर के लिए भी बहुत गर्व की बात है. 


घर का पूरा पता साझा करे की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि पता नेवीगेशन एक छोटा और अनूठा कोड है जैसे कुमार 100, 221 या इस जैसा पसंदीदा कोड, जिससे किसी की भी जिओ टेग्ड लोकेशन पर पहुंचा जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इस ऐप पर टेक्स्ट एड्रेस, प्रॉपर्टी की तस्वीरें, लैंडमार्क सहित अन्य जानकारियां डाली जा सकेंगी ताकि विजिटर आसानी से पता ढूंढ़ सकें. ऋषभ गुप्ता ने बताया कि पता नेवीगेशन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भविष्य में अपना लंबा और जटिल पता शेयर करने के बजाय शहरवासियों को बस एक छोटा कोड साझा करना होगा.


एड्रेसिंग सिस्टम से भारत को हर साल 75 हजार करोड़ का नुकसान
 गुप्ता ने आगे कहा कि रिपोर्ट्स के अनुसार वर्तमान में भारत हर साल सिर्फ अपने एड्रेसिंग सिस्टम की वजह से 75,000 करोड़ का नुकसान उठाता है. इस नुकसान को कम करने और एड्रेसिंग सिस्टम को व्यवस्थित करने के लिए पीएम मोदी की उपस्थिति में पता नेविगेशन ने हाल ही में देश के लिए एक शक्तिशाली डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम बनाने के लिए इसरो के साथ भागीदारी की है, आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की ओर यह एक शक्तिशाली कदम है.


बता दें कि साईन किये गए एमओयु के तहत सभी सरकारी विभागों की आपातकालीन सेवाएं जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस, पता ऐप का इस्तेमाल कर सकेंगे और बैंकिंग, जियोटैगिंग के साथ ई-केवाईसी आदि ज़रूरी सुविधाओं में पता डॉट कॉम का उपयोग होगा जिसका सीधा मतलब है कि सभी विभागों में पता इंटीग्रेट होगा. 


एकदम मुफ्त होगा ऐप का इस्तेमाल
वहीं पता ऐप एक मुफ्त प्लेटफार्म है जिसे पार्सल डिलीवरी करने वाली कंपनियां इस्तेमाल कर सही लोकेशन पर पहुंचेंगी. ई-कॉमर्स के लिए अंतिम मील तक की पहुंच पता द्वारा संभव होगी और ईंधन की कम खपत का फायदा डिलीवरी वालों को मिलेगा एवं इंदौर शहर के प्रदूषण स्तर को कम करने में यह ऐप एक अहम् भूमिका निभाएगा.


पता नेविगेशन के रजत जैन ने बताया कि पता ड्रोन डिलीवरी के लिए भी काम करेगा. उन्होंने कहा कि अब इंदौर में जल्द ही ऐसी तकनीक शुरू होने जा रही है जो भविष्य के इंदौर की बेहतरी के लिए बेहद जरूरी भी है.


यह भी पढ़ें:


Jabalpur News: चार दिनों की EOW की हिरासत में जबलपुर के बिशप, धोखाधड़ी का है आरोप


MP Murder: इलेक्ट्रीशियन ने टीवी ठीक करके नहीं दिया तो मार दी गोली, आरोपी पूर्व आर्मी ऑफिसर ने किया सरेंडर