Indore Army Like Dress News: इंदौर नगर निगम ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया है जिस फैसले के तहत रिमूवल गैंग को आर्मी के जैसी दिखने वाली ड्रेस दी गई थी. 200 से ज्यादा कर्मचारियों को यह ड्रेस दी गई थी और इस ड्रेस को पहनने का मकसद अतिक्रमण कारवाई के दौरान होने वाले विवाद से बचाना था, लेकिन इस तरह की ड्रेस लागू करने के बाद में इंदौर नगर निगम के अधिकारियों और महापौर को विपक्ष सहित सभी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था. 


पुष्यमित्र भार्गव महापौर इंदौर ने कहा


पुष्यमित्र भार्गव महापौर इंदौर ने कहा कि नगर निगम इंदौर द्वारा एक रूपता, अनुशासन के लिए नगर निगम रिमूवल टीम को दी गई विशेष प्रकार की वर्दी पहनने से यदि पूर्व सैनिकों की भावना आहत होती है तो वर्दी में जो भी आवश्यक बदलाव की आवश्यकता होगी वो किए जाएंगे.


वहीं कांग्रेस ने इस मामले में जनमत संग्रह करने की चेतावनी भी दी थी दर्शन नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव नहीं चाहते कि बैठे-बैठे कांग्रेस को हाथों में मुद्दा दे दिया जाए इसलिए इस फैसले को फिलहाल वापस लिया गया है, इधर दूसरी तरफ फैसला वापस होने के बाद नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौक ने अपने प्रतिक्रिया जाहिर की है.


नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने क्या कहा?


इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा है कि कांग्रेस द्वारा दी गई चेतावनी के परिणाम स्वरुप इंदौर नगर निगम बैक फुट पर आ गया. निगम आयुक्त के द्वारा आज रिमूवल गैंग से मिलिट्री जैसी दिखने वाली ड्रेस वापस ले ली गई है. 


चौकसे ने कहा कि कल ही हमने यह कह दिया था कि इस तरह की ड्रेस निगम की रिमूवल गैंग को पहनाना मिलिट्री का अपमान है. इसके साथ ही हमने यह भी घोषणा कर दी थी कि यदि 7 दिन में यह ड्रेस वापस नहीं ली जाएगी तो राजवाड़ा पर बड़ा प्रदर्शन कर जनता को साथ में लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा. 


इसके साथ ही कांग्रेस के द्वारा इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने के लिए भी विधि विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही थी. इसी बीच आज नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के द्वारा रिमूवल गैंग से मिलिट्री जैसी दिखने वाली यह ड्रेस वापस बुला ली गई है. अब रिमूवल गैंग के कर्मचारियों से कहा गया है कि आपको दूसरी नई ड्रेस दी जाएगी. 


'आयुक्त के निजी खाते से हो ड्रेस के खर्च की वसूली'
चौकसे ने कहा कि निगम की रिमूवल गैंग के कर्मचारियों को मिलिट्री जैसी ड्रेस पहनने का फैसला ही प्राथमिक रूप से गलत था. इस गलत फैसले को लेकर 600 जोड़े कपड़े बनवाए गए. इन कपड़ों को खरीदने पर जो पैसा लगा है उस पैसे को नगर निगम आयुक्त के निजी खाते से लिया जाना चाहिए. आयुक्त की इस गलती का खर्च नगर निगम के खजाने पर नहीं डाला जाना चाहिए.


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