Indore Nagar Nigam Budget: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के निवासियों को जोर का झटका लगने वाला है, क्योंकि आज इंदौर नगर निगम में पेश किया जा रहा है जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में जल उपकर और संपत्ति कर में भारी बढ़ोतरी होना तय है. बजट पेश करने महापौर पुष्यमित्र भार्गव  का उनकी पत्नी जूही भार्गव ने दही खिलाकर शुभंकर किया.


इंदौर वालों को जल और संपत्ति करों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है, आज बीजेपी शासित इंदौर नगर निगम 7,800 करोड़ रुपये का बजट पेश करने जा रही है. बजट पेश करने से पहले महापौर ने कहा कि इस बजट का उद्देश्य कई विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाना, बुनियादी ढांचे में सुधार और शहर के जल संकट को दूर करने पर विशेष ध्यान देना है.


निवासियों और व्यवसायों पर असर पड़ने की संभावना
आईएमसी मुख्यालय में अटल परिसर में आईएमसी का लगभग 7,800 करोड़ का महत्वाकांक्षी बजट पेश करने जा रहे हैं. इस बजट का उद्देश्य कई विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाना है, जिसमें बुनियादी ढांचे में सुधार और शहर के जल संकट को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. हालांकि, बजट में करों में महत्वपूर्ण वृद्धि भी शामिल है, जिसका निवासियों और व्यवसायों पर असर पड़ने की संभावना है.


वॉटर टैक्स में 50 फीसदी की वृद्धि
बजट में जल उपकर में 50% की वृद्धि के साथ, मासिक शुल्क 200 रुपये से 300 रुपये तक बढ़ गया है, जबकि पीने का पानी केवल 15 दिन मिल रहा है. इसके अतिरिक्त, बजट में संपत्ति कर में 8-10% की वृद्धि का प्रस्ताव है. महापौर भार्गव कचरा शुल्क में वृद्धि कर सकते हैं.


मुख्य विकास परियोजनाएं; नर्मदा जल परियोजना का चौथा चरण
आगामी बजट में सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक नर्मदा जल परियोजना का चौथा चरण है, ₹1900 करोड़ के कुल बजट वाली इस परियोजना में अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) से ₹800 करोड़ का ऋण लेना शामिल है. पूरा होने पर इस परियोजना से प्रतिदिन 900 मिलियन लीटर (MLD) पानी मिलने की उम्मीद है, जो शहर की बढ़ती पानी की मांग को पूरा करेगा.


इसके लिए IMC ने 32 नए ओवरहेड वाटर टैंक बनाने और पहले के चरणों से मौजूदा पाइपलाइनों की मरम्मत करने की योजना बनाई है. इस परियोजना को दिसंबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इसे 2050 तक इंदौर की जल आपूर्ति आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.


आगामी सिंहस्थ की तैयारी
बजट में कान्ह नदी की सफाई और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) की स्थापना और कमीशनिंग पर भी जोर दिया गया है. आईएमसी द्वारा आईटी इंफ़्रा के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जा सकती है. बजट में वेस्ट टू एनर्जी इनिशिएटिव भी शामिल है.


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