Indore: कलेक्टर ऑफिस के बाहर पांच दिनों से डेरा जमाए बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नहीं सुनने आया कोई फरियाद
MP News: इंदौर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल पांच दिनों से जारी है. हड़ताल के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटक गए हैं. बच्चों को मिलनेवाला पोषण आहार प्रभावित हो रहा है.
Indore News: 11 सूत्रीय मांगों को लेकर छह दिनों से पूरे मध्य प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल (Anganwadi Workers Strike) जारी है. इस कड़ी में इंदौर की भी करीब तीन हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल हो गईं. आंदोलनकारी महिला कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी जाने तक आंदोलन जारी रहेगा. इंदौर में कलेक्टर ऑफिस के बाहर 25 जनवरी से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन कर विरोध जता रही हैं. हड़ताल होने से आंगनबाड़ियों में ताला लटक गए हैं. बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. आंगनबाड़ी से संचालित होनेवाली योजनएं ठप हैं.
इंदौर में आंगनबाड़ी का कामकाज ठप
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिला अध्यक्ष राजकुमारी गोयल ने बताया कि 5 दिनों से विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर स्थित चौराहे पर धरना प्रदर्शन चल रहा है. कलेक्टर कार्यालय से कोई अधिकारी हमारी बात सुनने अब तक नहीं आया और ना ही विधायक, पार्षद हमारी सुध लेने आए. हम अपनी समस्याओं को लेकर अकेले जूझ रहे है. तकरीबन 3000 से अधिक महिलाएं रोजाना शाम तक प्रदर्शन करती हैं. प्रदेश की सरकार हमारी बातें सुन नहीं रही है. रिटायरमेंट की हमें पेंशन भी नहीं दी जाती.
तीन हजार कार्यकर्ता हड़ताल पर बैठीं
हमें रिटायर करने की आवश्यकता क्यों है. काम की कोई उम्र नहीं होती. इसलिए सरकार हमें काम करने की अनुमति दे. 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने घोषणा की थी कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रिटायरमेंट के बाद एक लाख और आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 75 हजार दिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएगी धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे. शासन विभिन्न विभागों का काम लेता है. जबकि हमारा मूल काम शिक्षा देना, बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना, पोषण आहार वितरित करना है. हमसे दूसरे काम लिए जाने के बावजूद बदले में हमें कुछ भी नहीं दिया जाता.
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