इंदौर में पिछले तीन महीनों में कोविड-19 संक्रमण के कम मामले देखने को मिल रहे हैं. दरअसल स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पिछले तीन महीनों में रोगी विभाग (OPD) में आने वाले लगभग 95% रोगियों का सैंपल लिया गया था.


फीवर क्लीनिकों ने सुझाव दिया है कि फीवर क्लीनिकों की ओपीडी में जाने वाले 167125 लोगों में से 1 लाख 59 हजार 296 रोगियों का कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए सैंपल लिया गया था, हालांकि इसने प्रत्येक गुजरते महीने के साथ फुटफॉल में गिरावट दर्ज की.


फीवर क्लीनिकों ने टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटिंग में काफी मदद की है


टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सिविल सर्जन डॉ संतोष वर्मा बताया, “पिछले साल अप्रैल में महामारी के दौरान इसके संचालन के बाद से फीवर क्लीनिक बहुत उपयोगी साबित हुए हैं. पिछले तीन महीनों में, क्षेत्र में निगरानी रखने के लिए ओपीडी में जाने वाले लोगों के नमूने लिए गए हैं.” वर्मा ने कहा, "चूंकि इनमें से अधिकांश सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, इसलिए इसने महामारी के दौरान रोगियों की टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटिंग में मदद की." इन फीवर क्लीनिकों ने 8.48 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई थीं, जिन्होंने 5.44 लाख संदिग्धों के सैंपलिंग की. बता दें कि जिले में करीब 45 क्लीनिक हैं, जिनमें 25 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं.


डेली बेसिस पर कोविड-19 सैंपल कलेक्शन में फीवर क्लीनिकों का अहम रोल


वहीं डिस्ट्रिक्ट सैंपलिंग इंचार्ज डॉ अब्दुल्ला फारूकी ने कहा, “फीवर क्लीनिकों का दैनिक आधार पर कोविड -19 के सैंपल क्लेक्शन में एक प्रमुख हिस्सा है. हालांकि रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि जिले में ओपीडी के साथ-साथ सैंपलिंग में भी गिरावट आई है. अक्टूबर में ओपीडी में आने वालों की संख्या घटकर 44036 हो गई, जो जुलाई में 60554 थी और अक्टूबर में सैंपलिंग घटकर 41853 हो गई जो जुलाई में 50447 थी. फीवर क्लीनिक ने इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (ILI) और 1321 गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के लगभग एक लाख मरीजों का पता लगाने में भी मदद की थी.


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