Indore News: इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में अनूठा मामला सामने आया है. जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर मिलने वाला मुआवजा हड़पने की कोशिश की गई. जनसुनवाई में फरियाद लेकर पहुंचे व्यक्ति ने खुद के जिंदा होने का दावा किया. उसने बताया कि फर्जी दस्तावेज के जरिए अज्ञात व्यक्ति ने कोरोना से मौत पर मिलनेवाली अनुग्रह राशि हासिल करने की कोशिश की. अनूठे मामले को को सुनकर हर कोई हैरान हो गया. जनसुनवाई कर रहे अधिकारी एसडीएम पवन जैन ने मामले में जांच करने का आश्वासन दिया.
कोविड से मृत शख्स ने खुद के जिंदा होने का किया दावा
दरअसल सांवेर क्षेत्र निवासी जानकीलाल को किसी अज्ञात व्यक्ति ने कोरोना बीमारी से मृत बता दिया और फर्जी दस्तावेज लगाकर अनुग्रह राशि पाने की खातिर छोटे बेटे अभिषेक के नाम पर कलेक्टर कार्यालय में आवेदन जमा कर दिया किया. फर्जी दस्तावेज में कोविड से घोषित मृत व्यक्ति जानकीलाल बेटों के साथ कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे. उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने 18 जनवरी को अभिषेक के नाम से कलेक्टर कार्यालय में फर्जी फार्म जमा किया था. फार्म में कोविड-19 रिपोर्ट, कोविड मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक की पासबुक सहित अन्य जरूरी दस्तावेज भी दिए गए थे.
फर्जी दस्तावेज के सहारे अनुग्रह राशि हड़पने की कोशिश
शिकायतकर्ता जानकीलाल का कहना है कि स्थानीय पटवारी के माध्यम से जानकारी मिली थी कि उनके नाम से कोरोना सहायता की 50,000 राशि जारी हुई है. पटवारी की खबर पर परिवार हरकत में आया और उन्होंने तुरंत मामले की शिकायत जनसुनवाई में करने का फैसला किया. परिजनों का कहना है कि किसी परिचित की तरफ से धोखाधड़ी की गई है ताकि बेटे और बाप को फंसाया जा सके.
शिकायतकर्ता ने 18 जनवरी के कलेक्टर कार्यलय में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग की है ताकि आरोपी की पहचान उजागर हो सके. शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम पवन जैन ने कलेक्टर कार्यालय में 18 जनवरी के सीसीटीवी फुटेज निकालने का आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने आरोपी की पहचान होने पर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है. इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में हर मंगलवार को जनसुनवाई होती है.
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