(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indore News: मध्य प्रदेश के इस गांव में 70 साल से नहीं बनी सड़क, ग्रामीण बोले- रोड नहीं तो वोट नहीं
Sanwer News: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इन्दौर के सांवेर विधानसभा की सबसे बड़ी पंचायत के पुवाडला गांव में आजादी के 75 साल बाद भी सड़क नहीं बनी है.
MP News: एक तरफ जहां पूरा देश आजादी का 75वां महोत्सव मना रहा है. वहीं इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र का एक गांव ऐसा भी है जहां लोग आज तक सड़क के लिए तरस रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक ओर विकास के बड़े-बड़े दावे करते है और राज्य की सड़कों को विदेश की सड़कों से भी बेहतर बताते हैं. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार में मंत्री तुलसीराम सिलावट के विधानसभा में स्थित पुवाडला गांव के लोग सड़क नहीं होने के कारण मतदान नहीं करने की बात कह रहे हैं. ग्रामीण हाथ में बैनर पोस्टर लेकर गांव के बाहर सड़कों पर विरोध में खड़े हैं.
ये है इस गांव की मुख्य समस्या
देश मे सरकार सबका साथ सबका विकास की बात कह रही है, लेकिन मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इन्दौर के सांवेर विधानसभा की सबसे बड़ी पंचायत के पुवाडला गांव में पता नहीं क्यों सरकार के द्वारा विकास का काम नही किया गया. इस गांव की कुल जनसंख्या 500 है, जिसमें 60 परिवार रहते हैं. इस गांव में करीब 238 वोट हैं. गांव में सड़क नहीं होने से नाराज पुवाडला गांव के निवासियों ने अगामी चुनाव में वोट नहीं करने का निर्णय लिया है. सड़क निर्माण को लेकर गांव के लोगों ने नेताओं से कई बार बात की, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है. लोगों ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद कोई भी नेता इस गांव की तरफ मुड़ कर देखता ही नहीं. गांव के निवासी चेन सिंह पटेल का कहना है कि शिवनी चौकी के अंतर्गत डबल चौकी के 6 किलोमीटर अंदर यह गांव बसा है. इस गांव की मुख्य समस्या सड़क और पानी की है.
गांव में पिछले 70 साल से सड़क नहीं बना
सड़क नहीं होने की वजह से बच्चे चार महीने स्कूल जा ही नहीं पाते हैं. इस गांव में पिछले 70 सालों से सड़क नहीं बना है. उन्होंने कहा गांव के लोगों ने तय कर लिया है कि रोड नहीं तो वोट नहीं. बुजुर्ग महिला रुकमा बाई बैरागी के अनुसार 70 साल पहले शादी करके वो इस गांव में आई थी और तब से इस गांव में रोड नहीं बना है. बारिश के मौसम में महिलाओं को डिलीवरी के समय छह किलोमीटर दूर डबल चौकी तक खटिया पर ले जाना पड़ता है. लाखों की जनसंख्या वाला राज्य जहां के नेता यदि कम अबादी वाले गांव के विकास को नजरअंदाज करती है तो यह कम आबादी वाले क्षेत्र या कमजोर वर्ग के लिए सवालिया निशान खड़े करते हुए नजर आता है.