यूं तो मनरेगा के नाम पर समय-समय पर फर्जीवाड़े का खुलासा होता आया है लेकिन इंदौर में दो ऐसे जालसाज पुलिस की गिरफ्त में आये हैं जो हजारों, लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की जालसाजी को अंजाम देने से नहीं चूके. हालांकि, अब दोनों जालसाज इंदौर पुलिस की गिरफ्त में हैं और पुलिस उनसे कड़ी पूछताछ कर रही है. दरअसल, जालसाजी के करोड़ों की धांधली के मामले को इंदौर की तुकोगंज पुलिस उजागर किया है, जहां 31 करोड़ 52 लाख रुपए के फर्जी चेक के मामले में दो जालसाजों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है. 


बता दे कि इंदौर की तुकोगंज थाना पुलिस ने 31 करोड़ रुपए से अधिक के फर्जी चेक बैंक में लगाने के मामले में दो जालसाजों को एक बैंक मैनेजर की शिकायत पर गिरफ्तार किया है. तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक के मैनेजर ने तुकोगंज थाने पर कार्तिक ने सबूतों के साथ 30 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई थी. अपने स्टाफ के साथ बैंक में आरोपी जावेद अहमद कुरैशी को लेकर थाने पहुंचे बैंक मैनेजर कार्तिक ने फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई.  


तुकोगंज थाना पुलिस के जांच अधिकारी आरएल मिश्रा  के मुताबिक आरोपी ने 31 करोड़ 52 लाख रुपये की राशि का एक चेक बैंक में जमा किया और जब चेक क्लियर होने के लिए एसबीआई को भेजा गया तो पता चला कि चेक लखनऊ की एसबीआई से जारी हुआ है. वहीं इस संबंध में जब लखनऊ बैंक अधिकारियों से तमिलनाडु मर्केंडाइल बैंक मैनेजर ने बात की तो पता चला कि चेक फर्जी है. इसके बाद अब पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी.


पुलिस ने लखनऊ में मनरेगा के डायरेक्टर से भी संपर्क किया तो एक बड़ा खुलासा हुआ कि लखनऊ से  एक चेक की कॉपी कर कई बदमाश अलग-अलग स्थानों के बैंकों में लगा रहे हैं. अब तक फर्जी चेक मामले में देशभर में 15 स्थानों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है. फिलहाल, इंदौर पुलिस ने जालसाज जावेद और चन्टु से पूछताछ शुरू कर दी है. माना जा रहा इस बड़े सिंडिकेट का खुलासा जल्द ही पुलिस कर सकती है क्योंकि न सिर्फ ये जालसाजी बैंकों के साथ है बल्कि सरकारी खजाने पर भी जालसाजों की निगाहें है.


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