Indore Bio CNG Plant: इंदौर में एशिया के सबसे बड़े बायो कंप्रेस्ड नेचुरल गैस प्लांट में उत्पादन शुरू हो गया है. पहले परीक्षण के तौर पर 250 से 500 किलो बायो सीएनजी तैयार की गई है. दूसरे परीक्षण की प्रक्रिया को पूरा होने में करीब 20 से 25 दिन लगेंगे. देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड में नगर निगम की तरफ से कूड़ा डालने की जगह पर प्लांट तैयार किया गया है.
25 जनवरी से प्लांट में 50 टन गीले कचरे से 1500 से 1700 किलो बायो सीएनजी का उत्पादन रोजाना शुरू हो सकेगा. अभी तक इस प्लांट से तैयार बायो सीएनजी में 50 से 60 फीसद मीथेन गैस है.
50 टन गीले कचरे से 18000 किलो बायो सीएनजी तैयार करने का लक्ष्य
वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली मिथेन गैस की मात्रा 90 फीसद होनी चाहिए. अभी तैयार की जा रही गैस को 24 जनवरी को शुद्धीकरण यूनिट में लाया जाएगा. यहां गैस में से कार्बन डाइऑक्साइड, एचटूएस और अन्य अशुद्धियों को हटाया जाएगा. इस प्रक्रिया में 10 से 15 दिन लगेंगे. निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के अनुसार पहला परीक्षण पूरा हो चुका है.
दूसरे परीक्षण के तौर पर कचरा डाल कर कार्य शुरू कर दिया गया. पूरा वॉल्यूम तैयार होने में करीब एक महीना लगेगा. 50 टन गीले कचरे से 18 हजार किलो बायो सीएनजी तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. प्लांट में तैयार होनेवाली 50 प्रतिशत बायो सीएनजी से 250 से 300 तक बसें संचालित की जा सकेंगी. इस तरह इंदौर में 50 टन गीले कचरे से 18 हजार किलो गैस तैयार करनेवाला प्लांट एशिया का सबसे बड़ा बन गया है.
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