इंदौर:  केंद्र की मोदी सरकार की स्वच्छता के पैमाने की कसौटी पर खरे उतरे देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौरा ने एक नए मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने देश के 10 शहरों को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए चुना है. इन शहरों की फेहरिस्त में इंदौर भी शामिल है.


केंद्र की मंशा के मुताबिक अब इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने की कवायद पर काम शुरू कर दिया गया है. इसे लेकर इंदौर में सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी मनीष कपूरिया और निगम आयुक्त प्रतिभा पाल की मौजूदगी में अधीनस्थ अधिकारियों के साथ एक बैठक ली गई. बैठक में तय किया गया कि प्रशासन, पुलिस और नगर निगम इंदौर संयुक्त अभियान चलाकर शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के प्रयास शुरू करेगा.


बैठक में कई मुद्दों पर लिए गए फैसले


 बैठक में दो प्रमुख मुद्दों पर गहन चर्चा की गई. चर्चा के मुताबिक ये सामने आया है शहर में भिक्षुकों की संख्या इसलिए बढ़ी है क्योंकि उनकी आड़ में माफिया अपने नापाक इरादों को अंजाम देकर मोटी रकम हासिल करते हैं. इतना ही नही वो भिक्षावृत्ति से जुड़े बच्चो से लेकर बड़ो तक को नशे का आदि बना देता है. ऐसे में इंदौर में मंगलवार को संपन्न हुई बैठक में भिक्षुकों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया कि शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए सबसे पहले भिक्षुक माफियाओं को खदेड़ना होगा ताकि भिक्षावृत्ति जैसी संवेदनशील बुराई से इंदौर को मुक्ति मिल सके.




बेसहारा और बेघरों को   भिक्षुक पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा


बैठक में एनजीओ से जुड़े पदाधिकारी भी मौजूद  रहे. जिन्होंने बताया कि शहर के किन किन इलाको, क्षेत्रो, धार्मिक स्थल और चौराहों पर भीख मांगने वालों की संख्या ज्यादा है. इंदौर शहर को भिखारी मुक्त करने के लिए हुई बैठक के दौरान कलेक्टर, डीआईजी और निगमायुक्त ने अधीनस्थ अधिकारियों और एनजीओ पदाधिकारियों से बात कर कहा कि वास्तव में जो लोग बेसहारा और बेघर हो उन्हें परदेशीपुरा स्थित भिक्षुक पुनर्वास केंद्र पर भेजा जाए ताकि उनकी काउंसलिंग करने के साथ ही उनके जीवन को सही दिशा देने के लिए कार्य किया जा सके.


 


भिक्षावृत्ति की आड़ में नशाखोरी सहित  असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ होगी कार्रवाई


 बैठक में तय किया गया कि ऐसे गिरोह और माफिया जो छोटे बच्चों सहित कई लोगों को भिक्षावृत्ति के धंधे में धकेल कर अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को पूरा कर रहे हैं  उनके खिलाफ सख्त अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान डीआईजी मनीष कपूरिया ने बताया कि भिक्षावृत्ति की आड़ में नशाखोरी सहित  असामाजिक गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा है जिसके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी. हालांकि डीआईजी मनीष कपूरिया ने ये भी साफ किया कि अभियान के दौरान भिक्षुकों की मदद की जाएगी साथ ही साथ उनकी काउंसलिंग कर उन्हें भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा .




भिक्षावृत्ति को बढ़ावा दे रहे माफियाओं की लगाम कसी जाएगी


वही कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा भिक्षावृत्ति न सिर्फ इंदौर की बल्कि देश के कई शहरों चिंताजनक समस्या बनी हुई है.  इसी समस्या के निराकरण को लेकर प्रयास अब आवश्यक हो गए है. कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि जरूरी है कि भिक्षावृत्ति को बढ़ावा दे रहे माफियाओं पर लगाम कसी जाए. वही कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि मानवता के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भिक्षावृत्ति के गोरखधंधे पर प्रहार किया जाएगा.




इस दौरान निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने कहा कि भिक्षावृत्ति की आड़ में अपने मंसूबे पूरे करने वालों के खिलाफ जहां सख्ती बरती जाएगी, तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे भिक्षुक जिन्हें मदद की दरकार है. उन्हें  पुनर्वास केंद्र सहित सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी. जिससे उनका जीवन सुगम बने और ऐसी गतिविधियों में लिप्त न रहे.


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