Ujjain News: उज्जैन में शादी बनी अनोखी मिसाल, मेहमानों के बदले बुलाए 50 दिव्यांग
इंदौर के उद्योगपति और मेडिकल व्यवसायी ने अपने बच्चों की शादी 50 अनजान दिव्यांगों को बुलाकर एक अनूठी मिसाल कायम की है. वधु की इच्छा थी कि उसकी शादी में दिव्यांगों को बुलाया जाए.
Indore: विवाह समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए लोग नई रस्म और रिवाज में शादी करते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर के उद्योगपति और मेडिकल व्यवसायी ने अपने बच्चों की शादी अनजान दिव्यांगों को बुलाकर एक मिसाल कायम की है.
सरकार ने कोरोना को लेकर यह निर्देश दिया है कि शादी-विवाह समारोह में केवल 200 मेहमानों की अनुमति होगी. मेडिकल व्यवसायी और उद्योगपति ने सरकार के नियमों का पालन करते हुए 50 दिव्यांगों को शादी समारोह में बुलाया साथ ही दोनों परिवारों ने 50 दिव्यांगों का वर वधू को आशीर्वाद भी दिलवाया.
बेटी की थी ख्वाहिश
इंदौर के रहने वाले उद्योगपति घनश्याम मेड़तवाल की बेटी अवनी की ख्वाहिश थी कि उनकी शादी लोगों के लिए मिसाल बने. इसके लिए उन्होंने इंदौर की बजाय उज्जैन में विवाह समारोह आयोजित किया. इस विवाह समारोह में सेवा धाम के 50 दिव्यांग बच्चों और बुजुर्गों को बुलाया गया. जब शादी की रूपरेखा तैयार की गई तो इंदौर के ही मेडिकल व्यवसाई कमलेश अग्रवाल भी बड़े खुश हुए. उन्होंने अपने पुत्र अमन अग्रवाल के विवाह समारोह को अनूठा बनाने के लिए दुल्हन अवनी की रूपरेखा पर मुहर लगा दी.
परिवार ने पेश की है एक अनूठी मिसाल
आपको बता दें कि उज्जैन के एक निजी होटल में विवाह समारोह आयोजित किया गया. इस विवाह समारोह में सेवा धाम आश्रम के दिव्यांग बच्चों और बुजुर्गों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया. सेवा धाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल ने बताया कि कई विवाह समारोह में बच्चों को भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है लेकिन मुख्य समारोह के पहले या बाद में उन्हें भोजन कराया जाता है मगर इस बार वरमाला से लेकर मुख्य विवाह समारोह में दिव्यांग बच्चों और बुजुर्गों को बुलाकर अग्रवाल और मेड़तवाल परिवार ने अनूठी मिसाल कायम की है. उन्होंने ऐसे बच्चों का आशीर्वाद लिया है जो परमात्मा की संतान है.
मांगलिक कार्य में लगती है मन की दुआ
ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास के मुताबिक जो दिल से दुआ निकलती है, वह हमेशा फलित होती है. जिस प्रकार से दिव्यांग और दया पात्र लोगों को विवाह समारोह में शामिल कर उनके साथ खुशियां बांटी गई है वह प्रशंसनीय है. दान पात्र से लोगों को तो सीधे भिक्षा मिल जाती है लेकिन दया पात्र लोगों की मदद करना वर्तमान समय में काफी नेक कार्य है.
नए जीवन की शुरुआत बनी यादगार
दुल्हन अवनी ने बताया कि नए जीवन की शुरुआत यादगार बनाने के लिए छोटे-छोटे मेहमानों के बीच शादी का समारोह आयोजित किया गया. सरकार द्वारा कोरोना को देखते हुए शादी-विवाह में 200 लोगों को बुलाने का आदेश है. जब मेहमानों की लिस्ट बनाई जा रही थी तब 200 लोगों में सभी को सम्मिलित करना बड़ा मुश्किल लग रहा था लेकिन इन मेहमानों के आने के बाद सभी की कमी पूरी हो गई.
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