Indore News: पिछले दिनों हत्या के एक आरोपी ने कोर्ट से मिलने वाली सजा से बचने के लिए खुद को मानसिक रोगी बताया था और राहत की गुहार लगाई थी. उसने कहा था की वह एक साल तक मानसिक चिकित्सालय में भी इलाज करवा चुका है. लेकिन, जज ने बिना परीक्षण कुछ भी मानने से इनकार कर दिया.


दरअसल, फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहे इस केस में आरोपी से जब कोर्ट में जज ने सवाल पूछे तो उसने सभी के सही जवाब दिए. इसको देखते हुए जज ने कहा कि आरोपी मानसिक रोगी नहीं माना जा सकता और उसे सामान्य आरोपी की ही तरह माना जाएगा.


बच्ची को घर में ले गया, जब बाहर आया तो हाथ में था खून
मामला 23 सितंबर का है. इंदौर के आजाद नगर के वॉटर पंप मैदान के पास दोपहर को एक बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी. तभी पड़ोस में रहने वाला सद्दाम उसे उठाकर अपने घर में ले गया. आरोपी ने उसे अपने घर में बंद कर लिया, लेकिन उसके रोने की आवाज सुनकर लोगों उसके दरवाजे तक पहुंच गए. कई बार खटखटाने के बाद भी आरोपी ने दरवाजा नहीं खोला. काफी देर बाद बदमाश घर से निकला तो उसे हाथ खून से लथपथ थे. वहीं, बच्ची घर के अंदर बेसुध हालत में पड़ी मिली. 


आनन-फानन में बच्ची को इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद आजाद नगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर सद्दाम उर्फ वाहिद को कुछ ही घंटे में हत्या और पॉक्सो एक्ट के गिरफ्तार कर लिया और मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाना निर्धारित किया गया.


सजा में राहत के लिए दिया आवेदन
बीते मंगलवार से ही आरोपी सद्दाम के खिलाफ ट्रायल शुरू हुआ आरोपी पक्ष ने कोर्ट में ट्रायल के पहले ही दिन न्यायलय के सामने एक आवेदन लगाया गया, जिसमें आरोपी को मानसिक रोगी बताया गया, ताकि उसे सजा कम हो. अपने आवेदन में आरोपी ने लिखा कि उसका इलाज मानसिक चिकित्सालय में एक साल तक चला है और बताया कि इलाज के लिए वह जावरा की हुसैन टेकरी में जा चुका है.


वहीं, विशेष न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा ने कहा कि इस तरह आवेदन पेश करने से आरोपी को विक्षिप्त नहीं माना जा सकता. परीक्षण करने के बाद ही आवेदन पर फैसला किया जाएगा. जज द्वारा आरोपी से कई सवाल भी किए गए, जिसके उसने सही जवाब दिए. यह देखते हुए कोर्ट ने आरोपी सद्दाम का आवेदन खारिज कर दिया. अब 11 नवंबर से उसके खिलाफ सुनवाई होगी. आरोपी की ओर से अधिवक्ता महेंद्र मौर्य द्वारा मानसिक रूप से विक्षिप्त होने का आवेदन पेश किया था.


आरोपी द्वारा कोर्ट रूम में पूछे गए सवाल इस तरह से थे-
जज: तुम्हारा नाम क्या ? 
आरोपी: सद्दाम, लोग मुझे शाहिद भी कहते हैं. 


जज: वैसे तुम्हारा घर कहां है? 
आरोपी: मैं आजाद नगर में रहता हूं. वहां मस्जिद के पास ही मेरा घर है.


जज: तुम्हारी शादी हो चुकी है ? 
आरोपी: हां


जज: शादी को कितने साल हो गए? 
आरोपी: पांच साल हो गए. पत्नी एक साल ही साथ रही. तलाक को चार साल हो गए.


जज: तुम्हारे परिवार में कौन-कौन है? 
आरोपी: मेरी दो बहन, माता-पिता हैं.
 
इन सवालों के कोर्ट रूम में सही जवाब देने पर जज ने आरोपी को बिना परीक्षण विक्षिप्त मानने से इनकार कर दिया. परीक्षण के बाद ही आवेदन पर फैसला किया जाएगा.


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