Nirmala Sitharaman in Indore: इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अंतिम दिन 'हार्नेसिंग द पोटेंशियल ऑफ वुमन डायस्पोरा इंटरप्रेन्योर्स टूवर्डस एन इनक्लूजिव एप्रोच टू नेशन बिल्डिंग' सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने साल 1990 के बाद बहुत ही तेज गति से विकास किया है. साथ ही कहा कि देश में वैश्विक मापदण्डों के अनुसार उत्पादन भी हो रहा है.
अमृत काल के अगले 25 साल में फोर आई (4I) इन्फ्रास्ट्रक्चर, इनवेस्टमेंट, इनोवेशन्स और इनक्लूजिव पर केन्द्रित प्रगति में प्रवासी भारतीय सक्रिय योगदान दें. उन्होंने कहा कि आप भारतीय संस्कृति और भारत के ब्रांड एंबेसडर हैं. जन-भागीदारी से भारत को उच्च शिखर पर ले जाने में सक्रिय योगदान दें. भारत वर्तमान और अगले साल का सबसे तेज गति से आर्थिक उन्नति करने वाला देश भी है.
वित्त मंत्री ने पीएम मोदी की बात को दोहराया
वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात को दोहराते हुए कहा कि भारत कोई एक उत्पाद में नहीं, बल्कि देश का हर जिला किसी न किसी विशेष उत्पाद से समृद्ध है. वाराणसी, कांजीवरम की साड़ियां, मुरादाबाद सेलम के बर्तन, बासमती चावल, मसाले, हस्तशिल्प आदि उत्पादों की एक अपार श्रंखला है. जिसको आप अपने-अपने देशों में पहुंचाएं.
वित्त मंत्री ने बांस का उदाहरण देते हुए कहा कि हिन्दुस्तानी बांस को हस्तशिल्प के जरिये क्रिसमस के मौके पर देश के कोने-कोने तक पहुंचाकर शिल्पकारों और व्यवसाइयों की मदद करें. इसके साथ भारत की उत्तम छवि का निर्माण भी किया जा सकता है.
'भारत चिप डिजाइनिंग में अग्रणी'
केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने कहा कि आज भारत की बढ़ती आत्म-निर्भरता का प्रमाण है कि प्रत्येक कार में कोई न कोई पुर्जा भारत का बना हुआ है. फाइटर जेट, एयर बस, एयर क्राफ्ट भारत में बन रहे है. हजारों की संख्या में इंजीनियर्स सेमी-कंडक्टर डिजाइन बना रहे है. विश्व के 15 में से 14 हीरे भारत में तराशे जा रहे हैं. सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात है कि भारत चिप डिजाइनिंग में अग्रणी बन चुका है. भारत की 58 कम्पनी विश्व के उद्योग जगत में नेतृत्व कर रही है. यहां वसुधैव कुटुम्बकम वाला भारत एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य में विश्वास करता है.
इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा की भारत विश्व का नॉलेज हब बन चुका है. आईटी कम्पनियां भारत के बाहर भी रोजगार उपलब्ध करा रही हैं. इनमें 1.6 मिलियन रोजगार दिये गये हैं. अमेरिका में औसत 106 डॉलर की दर पर वेतन दिया जा रहा है. भारत टेक हब बनकर उभरा है. भारत टेलेन्ट पूल में अति महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. यूपीआई में एक साल में 125 लाख करोड़ रुपये का योगदान हुआ है.
80 फीसदी दवाइयां भारत में बन रही
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अमेरिका के बाद भारत में सबसे ज्यादा दवाओं का निर्माण होता है. लगभग 80 फीसदी दवाईयां भारत में बन रही है. यही नहीं हर साल अनेक देश से दो मिलियन लोग इलाज कराने भारत आते हैं. भारत सूचना प्रौद्योगिकी, उपचार, नॉलेज हब आदि के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है.
भारत में कुल विश्व जनसंख्या की 17 फीसदी आबादी निवास करती है. इसके बावजूद वैश्विक प्रदूषण केवल 5 फीसदी है. इसको भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के तहत सौर, पवन, बॉयोमास आदि नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करते हुए कम किया जा रहा है. इनसे कार्बन उत्सर्जन में कमी होने लगी है, जो कई हजार करोड़ पेड़ के बराबर होगी.
इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ की गई मुद्रा योजना छोटे व्यवसायियों के लिये वरदान है. इससे उनको बिचौलियों के चंगुल से राहत मिलने के साथ ही बैंक में गारंटी भी नहीं देनी होती है.