17th Pravasi Bhartiya Sammelan: 'शिकागो से कम नहीं इंदौर, अमेरिका में भी होती है स्वच्छता की चर्चा', जानिए किसने कही ये बात
उषा कमरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दशकों पहले से जो इंदौर उनकी आंखों में बसा था उसके बदले रूप ने उन्हें सम्मोहित कर रखा है.
17th Pravasi Bhartiya Sammelan: मध्य प्रदेश (MP) की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) में होने वाले 17 वे प्रवासी भारतीय सम्मेलन (17th Pravasi Bhartiya Sammelan) में विदेशी मेहमानों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. सम्मेलन में शिरकत करने के लिए इंदौर की बेटी उषा कमरिया (Usha Kamaria) अमेरिका से आई हैं. मारवाड़ी परिवार में जन्मी उषा का विवाह खाचरोद (उज्जैन) निवासी ओम प्रकाश कमरिया से हुआ था, जिसके बाद वे 19 साल की उम्र में ही अमेरिका निवासी हो गई थीं.
अमेरिका में स्थापित कराई महात्मा गांधी की प्रतिमा
भारत की पहचान अमेरिका में बनाने के लिए उषा कमरिया कुछ ऐसा करना चाहती थीं ताकि उसे सब याद रखें. तभी उन्होंने अमेरिका में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की प्रतिमा स्थापित करने का सपना देखा और उस सपने को अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिज्ञा से 4 साल में पूरा किया. अहमदाबाद (गुजरात) के शिल्पी जस्सूबेन से 1000 किलो वजन की कांस्य प्रतिमा बनवाई, जिसे एयर इंडिया (Air India) की फ्लाइट से शिकागो लाकर 2 अक्टूबर 2004 को अमेरिका ले जाया गया और स्कोकिए (Skokie) में प्रतिमा को स्थापित कराया.
इलिनॉय में शासकीय पद पर रहने वाली पहली भारतीय महिला
विश्व के इस सर्वशक्तिमान देश की नाइल्स टाउनशिप (शिकागो) में भारतीय समुदाय की अध्यक्ष रहने के साथ ही कमरिया इलिनॉय स्टेट में शासकीय पद पर पहली एशियाई भारतीय महिला रही हैं. शिक्षा के माध्यम से विभिन्न संस्कृतियों में जागृति लाने वाली इसी शहर की प्रतिष्ठित संस्था किंग टुगेदर की वे संस्थापक सदस्य हैं. यही नहीं, वे हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ गैर हिंदी भाषियों को मंच उपलब्ध कराने वाली संस्था हिंदी लवर्स क्लब की संस्थापक सदस्य भी हैं. 400 से अधिक सदस्यों वाले यूनाइटेड सीनियर परिवार की वे 15 वर्षों से सलाहकार सदस्य भी हैं.
'इंदौर के बदले रूप ने किया सम्मोहित'
उषा कमरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दशकों पहले से जो इंदौर उनकी आंखों में बसा था उसके बदले रूप ने उन्हें सम्मोहित कर रखा है. उषा कमरिया को इंदौर के लोगों पर गर्व है. वो कहती हैं एक साथ लगातार 6 बार इंदौर का देश में नंबर वन पर बने रहना बताता है कि स्वच्छता का अनुशासन हर नागरिक की रग-रग में रक्त की तरह प्रवाहित है. वे यह कहना भी नहीं भूलीं कि इंदौर के आमजन की इन उपलब्धियों को वह अमेरिका में तो बताएंगी हैं. साथ ही इंदौर इस बात की भी मिसाल बना है कि व्यक्ति ठान ले तो सामूहिक संकल्प से असंभव को भी संभव कर सकता है.
'शिकागो से कम नहीं लग रहा इंदौर'
वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh Chouhan), जिला प्रशासन और खासकर इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव का प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने का आमंत्रण देने के लिए आभार व्यक्त किया है. सम्मेलन की तैयारियों के अंतर्गत इंदौर के बदले रूप, सौंदर्यीकरण, सफाई आदि को लेकर उन्होंने कहा मैने शहर घुमा है और यह कहने में संकोच नहीं कि लगता है मैं शिकागो में ही हूं और इंदौर किसी शिकागो से कम नहीं लग रहा.
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