Indore News: संपत्ति की लालच में 'अपनों' ने जीते जी मारा, कलेक्टर की जनसुनवाई में बुजुर्ग बोला- 'जिंदा हूं मैं'
MP News: खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों का चक्कर लगा रहा बुजुर्ग आखिरकार इंदौर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंच गया. बुजुर्ग की शिकायत पर कलेक्टर ने एसडीएम को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा.
Indore News: इंदौर कलेक्टर की जनसुनवाई में मंगलवार को अजीबो गरीब स्थिति पैदा हो गई. बेटे और पोती के साथ पहुंचे बुजुर्ग ने खुद को 'जिंदा' बताया. उसने खुलासा किया परिजनों ने संपत्ति हड़पने के लालच में 'मुर्दा' घोषित कर दिया था. मृत घोषित कर दिए गए बुजुर्ग ने खुद को जीवित साबित करने के लिए लंबी कवायद की. सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने में भी पीछे नहीं हटा. गुहार को अनसुना होता देख आखिरकार कलेक्टर की जनसुनवाई में बुजुर्ग पहुंच गया. उसने बताया कि खुद को जीवित साबित करने के लिए पहुंचा.
संपत्ति की लालच में रिश्तेदारों ने हड़पी जमीन
कलेक्टर से मिलकर बताया कि परिवार वालों ने 2006 में ही कागजों पर मारकर जमीन हड़प ली है. साथ ही अधिकारियों की मिलीभगत से गलत कागज भी बना लिया. फरियादी बुजुर्ग के साथ पहुंची पोती नेहा योगी ने बताया कि वर्ष 2006 में धोखाधड़ी कर दादा बद्रीनाथ योगी को सरकारी कागजों पर मृत घोषित कर दिया गया. सांवेर थाना क्षेत्र के पोटलोद गांव में दादा की पुश्तैनी जमीन है. जमीन पर विवाद का मामला अदालत में भी चला. अदालत ने दादा के पक्ष में 2018 में फैसला सुनाया.
जनसुनवाई में बुजुर्ग ने कलेक्टर से मांगा हक
परिवार ने फैसले पर नवंबर, 2022 में स्टे ले लिया. उसके बाद संपत्ति बंटवारे में 5 बीघा आई जमीन दादा को अब तक नहीं मिली. तहसीलदार की तरफ से दो बीघे का आदेश सुनाया गया है. मामले की शिकायत 181 पर कलेक्टर से की है. दादा के हिस्से की बची जमीन भी बेच दी गई है. जनसुनवाई में एसडीएम के पास जाने को बोला गया है. कलेक्टर ने एसडीएम को मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. बुजुर्ग ने जमीन का हक दिए जाने की मांग की है.