Indore: टीसीएस और इन्फोसिस ने मध्य प्रदेश के इंदौर में अपनी विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) इकाइयों में पिछले छह महीनों के दौरान 4,000 नई भर्तियां की हैं. आईटी क्षेत्र की दोनों दिग्गज कंपनियों से ये रोजगार हासिल करने वाले 80 फीसदी से ज्यादा पेशेवर इस राज्य के मूल निवासी हैं. राज्य के विज्ञानऔर प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने सोमवार को यह जानकारी दी.


80 फीसदी एमपी के मूल निवासी शामिल


सखलेचा ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘टीसीएस और इन्फोसिस ने पिछले छह महीनों में इंदौर में 4,000 नई भर्तियां की हैं. ये नौकरियां पाने वाले 80 फीसदी से ज्यादा लोग मध्य प्रदेश के ही हैं.’’ गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन जुलाई 2021 को इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि प्रदेश सरकार से रियायती दरों पर बड़ी जमीनें हासिल कर अपनी इकाइयां शुरू करने वाली टीसीएस और इन्फोसिस उनके इंदौर स्थित सेज में ‘‘बेहद कम रोजगार’’ दे रही हैं.


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एक साल में हुई इतनी भर्तियां 


अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर राज्य सरकार ने इन इकाइयों में प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने को लेकर दोनों आईटी कंपनियों के प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा की थी. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सखलेचा ने यह भी बताया कि इंदौर में पिछले एक साल में टीसीएस और इन्फोसिस समेत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अलग-अलग कंपनियों ने कुल 30,000 नई भर्तियां की हैं.


क्लस्टर के निर्माण का काम शुरू


सखलेचा के पास सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग भी हैं. उन्होंने बताया कि राज्य की स्टार्ट-अप नीति को मंजूरी मिल चुकी है और इसे मुख्यमंत्री इंदौर में जल्द ही पेश करेंगे. सूबे में अलग-अलग क्षेत्रों के औद्योगिक केंद्र (क्लस्टर) शुरू होने में देरी पर एमएसएमई मंत्री ने कहा,‘‘जब किसी बच्चे के मुंह में पहली बार दांत आते हैं तो कुछ तकलीफें तो होती ही हैं, हालांकि राज्य सरकार के सात क्लस्टर और केंद्र के 11 क्लस्टर के निर्माण का काम शुरू हो चुका है.’’


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