Criminal Tracking Biometric Machine: अब चौराहों पर भी हर अपराधी की आसानी से पहचान हो सकेगी. इंदौर पुलिस ने नवाचार किया है जिससे प्रत्येक थाने और क्राइम ब्रांच को फिंगरप्रिंट से पहचान करने वाली क्रिमिनल ट्रैकिंग बायोमैट्रिक मशीनें दी गई हैं. दरअसल पुलिस की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने और अपराधियों की अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नित नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है. इंदौर में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद से ही पुलिस अपराधियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए नई तकनीक का उपयोग कर रही है.



इसी कड़ी में इंदौर पुलिस के साथ मिलकर सिटीजन कॉप ने एक तकनीक विकसित की है. जिसके उपयोग से अब इंदौर पुलिस के लिए अपराधियों को पकड़ना और उनकी पहचान करना और आसान हो गया है. सिटीजन कॉप की विकसित तकनीक में बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाते ही अपराधी के सभी रिकॉर्ड सामने आ सकेंगे, जिससे पुलिसकर्मी जो अपराधी को नहीं पहचानते हैं वे भी उसे पहचान कर पकड़ सकेंगे. चेकिंग प्वाइंट पर खड़े पुलिसकर्मी, किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाकर उस संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर सकते हैं. 


अपराधियों पर सख्ती के लिए व्यवस्था 


वहीं इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने मंगलवार को इस बायोमेट्रिक मशीन को लॉन्च करते हुए बताया कि अब तक 1000 अपराधियों के डाटा पुलिस ने तैयार कर लिए हैं. डाटा को 10 हजार तक लेकर जाने का प्रयास किया जा रहा है. डाटा बैंक के आते ही अपराधियों को पकड़ने में पुलिस सफल हो जाएगी. शहर के अपराधियों पर सख्ती के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है. थाना स्तर पर बदमाशों के डाटा अपलोड करने की व्यवस्था मजबूत होगी तो इसका असर भी दिखने लगेगा.


पुलिस कमिश्नर का कहना है कि यह अनूठा प्रयोग है. शुरुआत इंदौर शहर से ही की जा रही है. कई बार देखने में आता है की शहर में बाहरी अपराधी और जेल से छुटे बदमाश वारदात के लिए घूमते रहते हैं. चेकिंग में इन्हें रोका जाता है तो यह फर्जी पहचान पत्र दिखाकर अपना नाम बदलकर पुलिस को गुमराह कर देते हैं.


14 मशीनों के ट्रायल के साथ व्यवस्था लागू


गौरतलब है कि इंदौर पुलिस ने फिंगरप्रिंट्स मशीनों से बदमाशों की धरपकड़ करने का दावा किया है. बड़ी तेजी से 40 बायोमेट्रिक मशीनें भी मंगवा दी गई हैं और अफसरों ने 14 मशीनों के ट्रायल के साथ व्यवस्था लागू भी कर दी है. बदमाशों के फिंगरप्रिंट लेकर उनका अपराधिक रिकॉर्ड अपलोड करने का काम किया गया है. पुलिस के अभी 10 फीसदी बदमाशों का ही डाटा उपलब्ध है. जबकि क्राइम ब्रांच के पास ही डेढ़ लाख बदमाशों के डोजियर है. बता दें कि इंदौर पुलिस कमिश्नर सिस्टम में ये पहला अनूठा प्रयोग है, जिसे इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने लागू किया है.


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