MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां जनता को शासकीय सेवाओं के लाभ पहुंचाने के प्रयास कर रहे है, लेकिन हकीकत में हालात कुछ और है. प्रशासन, सीएम के निर्देश के बावजूद ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है. सीएम ने राशन दुकान पर अनाज समय पर नहीं मिलने और राशन वितरण की गड़बड़ी को लेकर एक्शन मोड के चलते लगातार कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं. 


नहीं मिल रहा है राशन
दरअसल, पूरा मामला इंदौर जिले के गौतमपुरा गांव का है, जहां पिछले कई दिनों से सोनू प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार क्रमांक 0804057 गौतमपुरा के शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालक जितेंद्र (सोनू) कोली द्वारा, बीपीएल कार्ड धारक कपिल शर्मा को सितंबर महीना का मुख्यमंत्री योजना का राशन देने से इनकार कर दिया गया. सितंबर महीने के पहले अगस्त महीने में भी सोनू द्वारा मुख्यमंत्री योजना वाला राशन कपिल शर्मा को नहीं दिया गया. जब सोनू से फोन पर बात की तो सोनू ने सीधे शब्दों में कहा कि मेरी शिकायत अपर कलेक्टर से कर दो. 


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संचालक ने भी कहा कि मेरे स्टॉक में सीएम योजना का राशन नहीं है. वहीं बताया जा रहा है कि जिस दिन उपभोक्ता दुकान पर गया था उस दिन दुकान संचालक के पास 37 क्विंटल 47 किलो गेहूं, 50 क्विंटल 68 किलो चावल और नमक भी 26 किलो उपलब्ध था. पिछले दो महीना से राशन न मिलने की परेशानी को लेकर कपिल शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री, कलेक्टर, अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, फूड स्पेक्टर को लिखित शिकायत की है. जिसके बाद अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर और एसडीएम रवि वर्मा द्वारा शिकायतकर्ता की शिकायत पर दुकान संचालक के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया गया था.


नहीं की गई कोई कार्रवाई
जिसके बाद शिकायती मामले को लेकर फूड इंस्पेक्टर दिलीप मनवारे को गौतमपुरा सोनू की उचित मूल्य की दुकान पर भेजा गया. फूड इंस्पेक्टर मनवारे को मौके पर दुकान बंद मिली फोन लगा कर दुकान संचालक को बुलाया गया. वही इसके बाद शिकायतकर्ता और दुकान संचालक के कथन लिए गए और दुकान का भौतिक सत्यापन भी किया गया जिसमे दुकान से स्टॉक के हिसाब से राशन कम पाया गया.


शिकायतकर्ता की शिकायत, दुकान बंद मिलना, स्टॉक कम, पाया जाना, स्टॉक बोर्ड मेंशन न होना सभी तथ्यों केका पंचनामा बनाकर पूरी जांच की रिपोर्ट एसडीएम और अपर कलेक्टर को दी गई. वहीं शिकायतकर्ता को सितंबर महीना का राशन भी दिलवाया गया परंतु दुकान संचालक की गलती से अगस्त महीना का राशन लेप्स हो गया. मामले को 10 दिन से ज्यादा हो चुके हैं पर अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.


शिकायत वापस लेने का बनाया जा रहा दबाव
वही राजनीतिक दलों से जुड़े कई नेताओं द्वारा शिकायतकर्ता पर शिकायत वापस उठाने का दबाव भी बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि साल 2019 में भी इसी उचित मूल्य की दुकान संचालक द्वारा व्यापारियों को राशन बेचते पकड़ा गया था. जिस पर दुकान कुछ महीना के लिए सील भी रही थी और बाद राजनीतिक दबाव बनाकर दुकान संचालक सोनू ने पुनः दुकान खुलवा ली और फिर से जनता का राशन डाकरने का धंधा शुरु कर दिया. अब ताजा मामले को लेकर शिकायतकर्ता अन्य परेशान राशन कार्ड धारी कलेक्टर की जनसुनवाई व सीएम तक जाने की बात कह रहे हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि दुकान संचालक पर कड़ी कार्यवाही की जाए ताकि वो धांधली न कर सके.


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