MP News: अपने शहर और परिवार को छोड़ प्रतिवर्ष पढ़ाई-लिखाई कर कुछ बनने का सपना अपनी आंखों में लेकर हजारों बच्चे शिक्षा का हब कहे जाने वाले शहर इंदौर आते हैं लेकिन कई बार देखा जाता है कि आज के युवा किसी परीक्षा में असफल होने के बाद या तो हारकर वापस अपने शहर लौट जाते हैं या फिर कई स्टूडेंट मौत को गले लगा लेते हैं, लेकिन वहीं इससे अलग मध्य प्रदेश के रीवा से पीएससी की तैयारी करने आया एक युवा आज परीक्षा में असफल होने वाले विद्यार्थियों के लिए आदर्श की भूमिका निभाते हुए नजर आ रहा है.
परीक्षा में तीन बार फेल होने के बाद शुरू किया स्टार्टअप
दरअसल वर्ष 2016 में मध्य प्रदेश के रीवा से एक छात्र पीएससी परीक्षा में पास होकर डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना अपनी आंखों में लेकर इंदौर आया था लेकिन परीक्षा में 3 बार असफल होने और अपनी पढ़ाई को आगे निरंतर जारी रखने और अपने जीवन यापन करने में लगने वाले खर्च की व्यवस्था करने के लिए इस युवा ने अपना एक स्टार्टप शुरू किया है. पीएससी की तैयारी कर रहे इस युवा छात्र के द्वारा एक समोसे की दुकान चलाई जा रही है जिसका नाम इस युवा ने PSC समोसे वाला रखा है. ये युवा पढ़ाई में अपना पूरा समय देने के बाद दुकान में आकर समोसे बेचता है. इतना ही नहीं इस युवा ने अपने 4 अन्य सहपाठियों को भी रोजगार दिया है जो उसकी दुकान में पार्ट टाइम काम कर अपनी पढ़ाई के लिए आवश्यक जरूरत की पूर्ति बिना परिवार से पैसा लिए कर रहे हैं.
सरकार से की ये अपील
वहीं पीएससी समोसे के नाम से दुकान का संचालन करने वाले पीएससी के छात्र अजीत सिंह ने बताया कि 2016 में डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना लेकर वो इंदौर आए थे और पीएससी की तैयारी कर रहे थे लेकिन 3 बार परीक्षा देने के बावजूद कुछ अंकों की कमी के कारण उसका चयन नहीं हो पाया. वहीं आगे की पढ़ाई को जारी रखने के लिए इंदौर में रहकर आर्थिक परेशानियां आ रही थीं. इसी आर्थिक परेशानी को दूर करने और अपनी पढ़ाई को निरंतर आगे जारी रखने के लिए उन्होंने एक नए स्टार्टअप की शुरुआत की है जिसका नाम उन्होंने पीएससी समोसे वाला रखा है. अजीत सिंह ने सरकार से अपील की है कि वह 2018 से रुका हुआ फाइनल रिजल्ट जल्द ही घोषित करे ताकि कलेक्टर बनने का सपना ले कर आए छात्रों का सपना जल्द ही साकार हो पाए.
सैकड़ों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने अजीत
वहीं अजीत सिंह अपने स्टार्टअप की वजह से पूरे शहर और आसपास के क्षेत्रों में फेमस हो गए हैं. इनकी कहानी सुनकर लोग और छात्र दूर-दूर से इनकी दुकान पर समोसा खाने आने लगे हैं. अजीत की दुकान पर समोसा खाने आए एक स्टूडेंट लोकेश शाहू ने कहा कि वह इंदौर से लगभग 30 किमी दूर पीथमपुर से सिर्फ पीएससी समोसे वाले से मिलने के लिए यहां आए हैं. लोकेश ने कहा कि जरूरी नहीं कि जब कोई एक क्षेत्र में फेल हो जाए तो वह आगे कुछ नहीं कर सकता. यदि इंसान चाहे तो एक जगह सफलता न मिलने पर अन्य क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकता है. अजीत से मिलकर आज हमें यही सीख मिली है.
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