Corruption in Madhya Pradesh: सरकारी राशि अपने और अपनी पत्नी के खाते में डलवाकर घोटाला करने वाले आरोपी की घोटाले की राशि एक करोड़ से बढ़कर तीन करोड़ तक पहुंच गई है. आरोपी इंदौर (Indore) के कलेक्टर कार्यालय में सहायक ग्रेड 3 के कर्मचारी के पद पर तैनात था. इस मामले में कलेक्टर ने आरोपी कर्मचारी को सस्पेंड कर एफआईआर (FIR) दर्ज करने के आदेश पहले ही दे चुके हैं.


जांच में खुलती चली गई सभी परतें


इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने बताया कि पिछले दो दोन पूर्व कोविड महामारी की सहायता राशि में घोटाला करने का मामला सामने आया था. इसके बाद इंदौर कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ आरोपी मिलाप चौहान को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया. इसके साथ ही उसके खिलाफ एफआईआर भी करवाई गई है. उन्होंने बताया कि जांच में पहले एक करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी, लेकिन आगे की जांच में हेराफेरी की यह राशि तीन करोड़ तक जा पहुंची है. आरोपी ने इन राशियों को अपने और अपनी पत्नी सहित परिवार के दूसरे सदस्यों के खातों में ट्रांसफर कर लिया था. फिलहाल, जांच टीम आरोपी बाबू मिलाप चौहान की 2015 से अब तक की कार्यो की जांच कर रही है. 


आरोपी ने कबूला जुर्म


इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने बताया कि आरोपी कर्मचारी मिलाप चौहान ने पत्नी मनीषा, अपने परिजन और खुद के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने की बात कबूल कर लिया है. उन्होंने कहा कि अभी आगे भी जांच कर कई पहलुओं पर मिलाप चौहान से पूछताछ की जा रही है, जिसमें और भी खुलासे होने की उम्मीद है.


ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा


दरअसल, पिछले दिनों भोपाल से लेखा विभाग के अधिकारी शाखा का निरीक्षण करने आए हुए थे. इसी दौरान जिला कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ मिलाप चौहान ने मनीषा बाई और एक्सट्रीम सॉल्यूशन वेंडर के रूप में स्वयं का खाता दिखा कर कार्यालय से होने वाले भुगतान को कलेक्टर कार्यालय की ट्रेजरी से पिछले तीन सालों से तकनीकी खराबी कर अपने व पत्नी दोनों के खातों में डलवाता आ रहा था, जिसकी जानकारी मांगे जाने पर नहीं दे सका. इसके बाद यह घोटाला सामने आया था.


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