Indore: माथे पर तिलक लगाकर आने वाले बच्चों को टीचर ने मारे थप्पड़, स्कूल में नहीं दी एंट्री, परिजनों ने किया हंगामा
Indore News: स्कूल टीचर पर आरोप है कि तिलक लगाकर आए बच्चों को पहले तो चांटे मारे गए और एक बच्चे को स्कूल से बाहर कर दिया गया. परिजनों को यह बात पता चली तो स्कूल के बाहर हंगामा खड़ा हो गया.
Indore News: इंदौर के एक स्कूल में उस समय बवाल हो गया जब स्कूल के बच्चों को तिलक लगाकर आने पर मनाही कर दी गई. इतना ही नहीं, बच्चों को थप्पड़ तक मारे गए और भविष्य में ऐसा ना करने पर ज़ोर दिया गया. हैरान कर देने वाला मामला इंदौर के धार रोड का है. यहां बच्चों को शिक्षिका ने चांटा मारकर केवल इसलिए भगा दिया कि वह स्कूल में माथे पर तिलक लगाकर आ गए थे. मामले की जानकारी मिलते ही बच्चों के परिजन स्कूल पहुंचे और शिक्षिका की इस हरकत को लेकर प्राचार्य से बात की. अब इधर यह खबर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. मामले में प्रिंसिपल का कहना है कि कलेक्टर के आदेश के मुताबिक ही निर्देशों का पालन किया जाएगा.
इंदौर के धार रोड स्थित बाल विज्ञान शिशु विहार हायर सेकेंडरी स्कूल का ये पूरा मामला है, जहां शनिवार को लगभग 6-7 छात्र तिलक लगाकर स्कूल पहुंचे थे. इन छात्रों पर जैसे ही शिक्षिका पद्मा सिसोदिया की नजर पड़ी, उन्होंने तिलक लगाकर आए बच्चों को पहले तो चांटे मारे और एक बच्चे को स्कूल से बाहर कर दिया. ये बवाल मचते ही बच्चे परिजनों के पास पहुंचे और पूरे मामले की शिकायत की. जैसे ही घरवालों को इसकी जानकारी लगी, परिजन तुरंत स्कूल पहुंचे.
आगे से टीका न लगाकर आने की दी सलाह
स्कूल पहुंचकर परिजनों ने परिसर में हंगामा खड़ा कर दिया. स्कूल में हंगामा होते देखकर प्राचार्य ओमप्रकाश सिंह और शिक्षिका अपनी जिद पर अड़े रहे और खुद को सही साबित करते रहे. इतना ही नहीं, उन्होंने स्कूल में बच्चों को एंट्री भी नहीं दी. बच्चों का आरोप है कि जब वह स्कूल आए तो तिलक लगाकर स्कूल आने पर शिक्षक और प्राचार्य ने मनाही कर दी. साथ ही बच्चों ने कहा कि उन्हें स्कूल में तिलक मिटाने के लिए कहा गया. इसके अलावा, शिक्षिका ने बच्चों से कहा कि अब कल से कोई भी बच्चा टीका लगाकर नहीं आएगा.
'धर्मवाद को नहीं देना चाहते बढ़ावा'
इधर इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि तिलक लगाने पर रोक नहीं है, लेकिन हम स्कूल में धर्मवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहते. इधर दूसरी तरफ बच्चों के परिजनों ने कहा कि बच्चे स्कूल जाने से पहले सुबह मंदिर जाते हैं और उसके बाद सीधे स्कूल आते हैं. इसलिए उनके सिर पर मंदिर का तिलक होता है. इस मामले में प्राचार्य का कहना था कि कलेक्टर के आदेश के मुताबिक ही हम फैसला करेंगे.