Indore News: मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में भिक्षावृत्ति करने वालों को भीख देने पर जेल जाना पड़ सकता है, यह बात सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इस मामले में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह से जब एबीपी न्यूज़ ने बातचीत की तो बड़ी ही रोचक बात सामने आई.
देश के सबसे स्वच्छ शहरों में नंबर वन पर आने वाले इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन कमर कस ली है. इसके लिए कई प्रयास किया जा रहे हैं. इंदौर के भिक्षुकों को जिला प्रशासन अनाथ आश्रम में भेज रहा है.
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि कुछ ही दिन पहले कुछ भिक्षुकों को रेस्क्यू करते हुए उज्जैन के सेवा धाम आश्रम में भेजा गया. जहां पर उनको रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है. साल 2025 में इंदौर को पूरी तरह भिक्षुक मुक्त बना दिया जाएगा. इसके लिए इंदौर के लोग भी काफी सकारात्मक रवैया अपनाते हुए मददगार बन रहे हैं.
भिक्षा देने वालों को हो सकती है जेल
इंदौर कलेक्टर से भीख देने पर जेल जाने की बारे के आदेश के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की धारा 144 के तहत आने वाले दिनों में आदेश जारी किया जाएगा लेकिन अभी इस प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी करने का पूरा मन बना लिया गया है. अभी आदेश जारी होने का इंतजार करना चाहिए.
इंदौर में भिक्षावृत्ति का पूरा गिरोह सक्रिय
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि कुछ लोग खुद को दया का पात्र बनकर भिक्षावृत्ति करते हैं लेकिन भिक्षावृत्ति करने वालों का पूरा गिरोह सक्रिय है जो कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का इस्तेमाल भिक्षावृत्ति के लिए कर रहा है. कई लोग अपनी जरूरत पूरा करने के लिए नहीं बल्कि नशा करने के लिए भी भिक्षावृत्ति कर रहे हैं. ऐसे लोगों को रोकना समाज की भी जिम्मेदारी है. इसी के चलते नया प्रयोग किया जा रहा है. यदि भीख देने वाले अपना हाथ रोक देंगे तो भिक्षुकों की संख्या खत्म करने में उनका भी योगदान साबित होगा.
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