मां अन्नपूर्णा का घर कहे जाने वाले शहर इंदौर में एयरपोर्ट के पास पहाड़ पर मां भगवती बिजासन माता का भव्य और प्राचीन मंदिर स्थित है. प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु माता रानी का दर्शन करने अपने परिवार के साथ पहुंचते हैं तो वहीं प्रतिवर्ष नवरात्रि का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है तो वहीं नौ दिनों तक माता बिजासन की उपासना करने के लिए लाखों भक्त पहुंचते.


लेकिन इस बार अब लगता है शायद माता बिजासन के भक्तो को माता के दर्शन करने और नौ रात में माता की उपासना करने के लिए एअरपोर्ट प्रबंधन के कारण थोड़ा ज्यादा कष्ठ उड़ना पड़ सकता है. उसकी वजह ये है कि माता बिजासन के मंदिर तक पहुंचने का जो पहुंच मार्ग है वो एअरपोर्ट प्रबंधन की निजी भूमि है और एअरपोर्ट प्रबंधन जल्द ही अपनी भूमि पर लोहे के तारो की बाउंड्री वॉल लगाने वाला है. जिसके कारण मंदिर तक जाने का आज तक का पहुंच मार्ग बंद हो जायेगा. वहीं भक्तों को इसके बाद मंदिर तक पहुंचने के लिए 5 किलो मीटर का अतिरिक्त मार्ग तय करना पड़ेगा और सुपर कॉरिडोर चौराहे से होते हुए धार बायपास वाली सड़क से होते हुए अब भक्त मंदिर पहुंच पाएंगे.


दरअसल देवी अहिल्या विमानतल के विस्तार के लिए गत पिछले दिनों इंदौर में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की आगमन पर सांसद ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सांसद शंकर लालवानी ने एयरपोर्ट के निदेशक रविचंद्रन को जमीन संबंधी कागजात सौंपे. जिसके बाद प्रबंधन द्वारा जल्दी ही तार फेंसिंग की जाएगी. तार फेंसिंग के बाद श्रद्धालुओं को बिजासन मंदिर जाने के लिए करीब 5 किमी घूमकर सुपर कारिडोर से जाना पड़ेगा. जमीन मिलने के बाद एयरपोर्ट की विस्तार योजनाएं तो आकार ले पाएंगी. लेकिन बिजासन मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं की राह मुश्किल हो जाएगी. 


एयरपोर्ट प्रबंधन इसी महीने जमीन पर तार फेंसिंग कर एयरपोर्ट से बिजासन की ओर जाने वाले मार्ग को बंद करने की तैयारी में है. वही मंदिर प्रबंधन का कहना है की एयरपोर्ट प्रबंधन अपनी विस्तार योजना को आने वाले माता रानी के त्यौहार नवदुर्गा के बाद करे ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े.


बता दें कि बिजासन मन्दिर में देवी के नौ स्वरूप विद्यमान हैं. मंदिर का निर्माण इंदौर के महाराजा शिवाजीराव होलकर ने 1760 में कराया गया था. जिसके बाद उसे पक्का बनवाया गया. वही टेकरी पर एक तालाब भी है. इस तालाब की मान्यता है कि मछलियों को दाना खिलाने से पुण्य मिलता है और माँ उनकी मन्नत जरूर पूरी करती हैं. इस मंदिर में यू तो हर समय भक्त आते है लेकिन नवरात्र में लाखों की संख्या में दर्शन करने श्रध्दालु यहा आते है.


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