(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Holi 2022: इंदौर में होली पर सजा सिंधी मिठाईयों का बाजार, यहां बनती है ये स्पेशल मिठाई
Indore: इंदौर में होली पर विशेष रूप से खाई जाने वाली सिन्धी मिठाईयों का बाजार सज गया है. लोगों के बीच इसकी मिठाई को लेकर गजब की डिमांड है. ये स्पेशल मिठाई सिर्फ होली के मौके पर बनाई जाती है.
Indore News: अविभाजित भारत के सिंध प्रांत की मिठाइयों की खुशबू आज भी सिंधी समाज में स्नेह का प्रतीक बनी है. होली पर सिंधी परिवारों में घीहर और मीठा समोसा समाज और रिश्तेदारों में बांटा जाता है. सिंधी कॉलोनियों में होली के पर्व से 12 दिन पहले ही घीहर और मीठा समोसा बनाने की तैयारी शुरु हो जाती है. यह सिलसिला होली के 10 दिन बाद तक चलता रहता है.
यहां मिठाइयों की है डिमांड
इस त्यौहार में जितना ही महत्व रंग और गुलाल का है उतना ही महत्त्व मिठाई का भी है. होली के त्यौहार के मद्देनजर विशेष रूप से खाई जाने वाली सिन्धी मिठाईयों के भी बाजार सज गए हैं. वही इन मिठाइयों में सिन्धी की जलेबी विशेष रूप से प्रसिद्द है. इस जलेगी की खासियत यह है की इसे आम जलेबी की तरह की चाशनी में सराबोर किया जाता है. लेकिन खाने में इसका स्वाद खट्टा–मीठा होता है.
इस विशेष जलेबी के साथ ही दुकानों पर मशहूर कराची के हलवे से बने समोसे और कचोरी भी इस त्यौहार में अपनी मिठास घोलने को तैयार है. सालों से पारंपरिक घेवर और फैनी की मांग भी इस मिठाईयों के साथ बढ़ने लगी है.
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सिर्फ होली पर बनती है ये विशेष मिठाई
दुकानदार अजय सोलंकी के अनुसार इस बार भी हर साल की तरह इन मिठाइयों की मांग बनी हुई है. यह सभी मिठाई सिर्फ विशेष तौर पर होली के त्यौहार के लिए बनाई जाती है. घीहर और मीठा समोसा का होली पर विशेष महत्व होता है. यह सिंधी समाज की प्रमुख मिठाई है. स्वतंत्र भारत में यह मिठाई सिंधी परिवारों के साथ आई.
इंदौर में पिछले 70 सालों से घीहर और मीठा समोसा होली पर्व पर सिंधी समाज के हर घर में मिलता है. जिसे पूजा में भी रखा जाता है. अजय ने बताया घीहर को मैदा का घोल बनाकर डालडा में जलेबी की तरह बनाया जाता है. फिर चाशनी में डाला जाता है. मीठा समोसा के भीतर घी, चीनी और कॉर्न फ्लोर से बने कराची हलवे को भरा जाता है. पर्व के दिन में 10 क्विंटल घीहर और मीठा समोसा की खपत हो जाती है. घीहर आठ दिन तक खराब नहीं होता है.
सामूहिक होली मिलन का होता है कार्यक्रम
सिंधी समाज का होली के दिन सामूहिक होली मिलन कार्यक्रम होता है. घीहर खिलाकर गुलाल का टीका सूतक वाले परिवार के लोगों को लगाया जाता है. इससे मृतक के परिवार का सूतक समाप्त हो जाता है. परिवार के लोग इस दिन के बाद से शुभ कार्य करते हैं. ये मिठाई होली के बाद भी पंचमी तक बाजार में उपलब्ध रहती है. लेकिन इसके बाद अगर आपको ये मिठाई चाहिए तो आपको होली का इंतजार करना होगा.
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