MP News: इंदौर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 7 वर्षों से युवक को परिवार वालों ने लोहे की बेड़ियों में जकड़ कर रखा था. मामले की जानकारी होने पर पुलिस के साथ मिलकर एनजीओ ने युवक को रेस्क्यू किया. जानकारी के मुताबिक युवक मानसिक रूप से बीमार था. इलाज के नाम पर परिजन जादू टोना करा रहे थे. परिजनों का मानना था कि बेटे पर भूत प्रेत का साया है.
खजराना इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एनजीओ की टीम से जैद की मां उलझ गई. बेटे को बेड़ियों से मुक्त कराने पर मां ने विवाद खड़ा कर दिया. मां ने लोगों को भड़काने की भी कोशिश की. एनजीओ की रेस्क्यू टीम को मां ने बताया कि बेटे पर भूत प्रेत का साया है. इसलिए जंजीरों में बेटे को जकड़ कर रखा गया है. रेस्क्यू टीम को मां ने बेड़ियां खोलने से रोकने की भरपूर कोशिश की.
परिजनों ने 7 वर्षों से बेटे को लोहे की जंजीरों में जकड़ रखा था
पुलिस के सहयोग से एनजीओ की टीम ने महिला को काबू में किया. युवक की बेड़ियां खोलने के लिए छैनी हथौड़े मंगवाए गए. लोहे की जंजीरों को कटर से काटा गया. रेस्क्यू के बाद टीम ने जैद को बाणगंगा स्थित मानसिक चिकित्सालय में भर्ती करवाया. पड़ोसियों से मिली जानकारी के जैद गायक बनना चाहता था.
9 साल की उम्र में सिर पर पत्थर लगने से बिगड़ा मानसिक संतुलन
9 साल की उम्र में सिर पर पत्थर लगने से जैद की मानसिक स्थिति खराब हो गई. समय पर इलाज नहीं मिलने से जैद हिंसक हो गया. एनजीओ प्रवेश के अध्यक्ष रूपाली जैन ने बताया कि जैद को मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों ने इलाज भी शुरू कर दिया है. मानसिक स्थिति ठीक होने के बाद जैद का एनजीओ की तरफ से पुनर्वास करवाया जाएगा. उन्होंने युवक को रेस्क्यू कराने में सहायता के लिए खजराना पुलिस का आभार प्रकट किया.
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