Indore Temple Tragedy: कइयों को नई जिंदगी दे गए मंदिर हादसे में जान गंवाने वाले, आठ के परिजनों ने किया अंगदान
Indore Temple Accident: सोशल वर्कर संदीपन आर्य ने बताया कि आठ परिवार अपने उन दिवंगत स्वजनों की त्वचा और आंखें दान करने के लिए सहमत हुए जिन्हें उन्होंने गुरुवार को मंदिर हादसे में खो दिया.
Indore Temple Collapse: मध्य प्रदेश के इंदौर में पुरातन बावड़ी के ऊपर बनाए गए एक मंदिर की फर्श धंसने के 36 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवा दी. वहीं, इनमें से 8 के परिवार वालों ने मानवता की नजीर पेश की है. उन्होंने अपने दिवंगत स्वजनों की त्वचा और नेत्र दान कर दिए हैं, ताकि इनके प्रत्यारोपण के बाद जरूरतमंद मरीजों को नई जिंदगी मिल सके. 'इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन' से जुड़े सामाजिक संगठन 'मुस्कान ग्रुप' के स्वयंसेवक संदीपन आर्य ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
संदीपन आर्य ने बताया कि 'बड़े दिल वाले' आठ परिवार अपने उन दिवंगत स्वजनों की त्वचा और आंखें दान करने के लिए सहमत हुए जिन्हें उन्होंने गुरुवार को रामनवमी पर आयोजित हवन के दौरान बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की फर्श धंसने के बाद खो दिया था. आर्य ने बताया कि दक्षा पटेल, इंद्र कुमार, भूमिका खानचंदानी, लक्ष्मी पटेल, मधु भम्मानी, जयंती बाई, भारती कुकरेजा और कनक पटेल का मरणोपरांत नेत्र दान किया गया.
मर कर भी कइयों को नई जिंदगी दे गए श्रद्धालु
संदीपन आर्य ने बताया कि इंद्र कुमार, भूमिका खानचंदानी और जयंती बाई के नेत्रों के साथ उनकी त्वचा भी दान की गई है. ये लोग मरने के बाद दूसरों को नया जीवन दे गए हैं और ये मुमकिन हो सका है उनके परिवार वालों की वजह से.
'लोगों को बचाने की बहुत कोशिश की...'
मंदिर क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि हादसे की सूचना तुरंत पुलिस और अस्पताल को दी गई, लेकिन इसके बावजूद एम्बुलेंस और बचाव दल को वहां पहुंचने में एक घंटे का समय लगा. हादसे के बाद रहवासियों ने ही बचाव का मोर्चा संभाला, लेकिन उनके पास बावड़ी में गिरे लोगों को बाहर निकालने का कोई साधन नहीं था. हालात ये थे कि एक महिला को रस्सी से निकालने की कोशिश की गई, लेकिन रस्सी के टूटने से महिला वापस बावड़ी में गिर गई. उसकी केवल चीक सुनाई दी.
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