Indore Incident: रामनवमी के अवसर पर बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए वीभत्स हादसे में अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने के आरोप में घिरे सांसद शंकर लालवानी ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि बावड़ी पर अतिक्रमण कर जब स्लैब डाली गई उस वक्त वह राजनीति में थे ही नहीं.


'यदि कोई सिद्ध कर दे, तो मैं दोषी हूं'
कांग्रेस द्वारा यह आरोप लगाए जाने कि अतिक्रमणकारियों को शंकर लालवानी का संरक्षण प्राप्त है, पर मीडिया से बात करते हुए लालवानी ने कहा कि पहली बार तो उस विषय में राजनीतिक संरक्षण कहीं नहीं है और दूसरी बात आ रही है अवैध निर्माण की तो मेरे द्वारा अवैध निर्माण के अतिक्रमण को कभी भी संरक्षण नहीं दिया है और अगर कांग्रेस नेता सिद्ध कर दें कि किसी दरोगा, निगम अधिकारी या बिल्डिंग अधिकारी को अतिक्रमण हटाने से रोका गया हो तो मैं दोषी हूं. उन्होंने कहा कि इस हादसे को लेकर कांग्रेस अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही है. उन्होंने कहा कि कम से कम ऐसी मौतों पर संवेदनशील होकर हमको सहानुभूति पूर्वक खड़े रहना चाहिए.


'जब यह स्लैब डली तब मैं राजनीति में नहीं था'
लालवानी ने कहा कि मंदिर समिति के ट्रस्टी व सचिव है ने बताया कि करीब 35 वर्ष पूर्व यह स्लैब डाली गई थी. मैं  तो उस समय राजनीति में भी नहीं था फिर मेरा संरक्षण कैसे हुआ. उन्होंने कहा कि जहां हादसा हुआ वह स्पैब 35 साल पहले डली है और किसने डाली यह जांच का विषय है. मेरे द्वारा पहले दिन ही कहा गया था कि जो दोषियों हों उन पर जल्द कार्यवाही होनी चाहिए और मैं उस पर अभी भी कायम हूं. 


'मैं देर रात तक घटना स्थल पर मौजूद था'
वहीं इंदौर में हुए इस तरह के हृदय विदारक हादसे के बाद सांसद शंकर लालवानी को सभी मृतकों के परिवार के साथ होना था लेकिन वह भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल हुए. कांग्रेस के इन आरोपों पर लालवानी ने कहा कि जहां रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था वहां में देर रात तक मौजूद था. सवेरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घटना स्थल का जायजा लेने आए थे मैं उस वक्त भी मौजूद था.


वहीं जिस कार्यक्रम की बात हो रही है उसमें एक शहीद परिवार को बुलाया गया था. मैं वहां सामाजिक तौर पर शामिल होने गया था लेकिन मैंने सबसे पहले वहां भी हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि  शहीदों पर भी कांग्रेस राजनीति कर रही ऐसा आचरण कांग्रेस को नहीं करना चाहिए. 


बाबड़ी की छत गिरने से हुई 36 लोगों की मौत
गौरतलब है कि इंदौर में रामनवमी के दिन हुए दिल दहला देने वाले हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. यहां के बेलेश्वर महादेव मंदिर में एक हवन कार्यक्रम के दौरान बाबड़ी की छत ढहने से उसमें गिरकर 36 लोगों की मौत हो गयी थी.


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