MP News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) में रामनवमी के दिन बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की छत धंसने (Temple Wall Collapsed) के कारण हुए हादसे में 36 लोगों मौत हो गई. करीब 22 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 18 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. मंदिर की बावड़ी से लापता आखिरी शख्स सुनील सोलंकी का शव मिलने के साथ ही राहत और बचाव का काम बंद कर दिया गया. इंदौर के कमिश्नर पवन शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से कहा, 'सारे लापता लोग निकाल लिए गए हैं, मगर हम इस 40 फीट बावड़ी का पानी अब पूरा निकालेंगे, ताकि किसी भी आशंका की कोई गुंजाइश न बचे.'


शुरू हुआ दोषियों पर एक्शन


दूसरी तरफ इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर प्रशासन ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है. इंदौर के जिस मंदिर में ये हादसा हुआ उस मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गालानी और सचिव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है. इंदौर पुलिस कमिश्नर मकरंद देउसकर ने की इसकी पुष्टि की है. इसके साथ ही इंदौर हादसे में नगर निगम के भवन अधिकारी और बिल्डिंग इंस्पेक्टर को भी जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है.


1 साल पहले दी थी चेतावनी


जांच में सामने आया है कि निजी मंदिर में निर्माण को लेकर एक साल पहले प्रशासन ने आपत्ति जताई थी. साथ ही बावड़ी पर निर्माण को लेकर भी सवाल उठाए थे. लेकिन मंदिर कमेटी ने निर्माण कार्य रोकने की बजाय इसे जीर्णोद्धार बता दिया था और उल्टा प्रशासन पर हिंदू धर्म की भावना आहत करने का आरोप लगाया था. वहीं अब लापरवाही के चलते इतना बड़ा हादसा हो गया. बता दें कि इंदौर नगर निगम ने भी 2 महीने पहले मंदिर को अतिक्रमण हटाने को लेकर ये नोटिस जारी किया था. ये नोटिस मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष शिवराम गलानी को भेजा गया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.


सीएम तय करेंगे दोषियों की जिम्मेदारी


इंदौर मंदिर हादसे में लोगों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि राज्य सरकार जांच के बाद इस हादसे के दोषियों की जिम्मेदारी तय करेगी. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ हादसे में घायल लोगों के परिवार से मिलने इंदौर आए सीएम ने आगे बताया कि प्रशासन ने हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए हैं और पुलिस ने प्रकरण भी दर्ज कर लिया है. हम जांच के बाद दोषियों की जिम्मेदारी तय करेंगे और उनके खिलाफ कदम उठाएंगे.'


अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश


इतना ही नहीं, सीएम शिवराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राज्यभर में जांच कर पता लगाएं कि किन कुओं और बावड़ियों को असुरक्षित तरीके से ढंककर उन पर निर्माण किया गया है और कौन-से नलकूप खुले रखे गए हैं? उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि इंदौर के मंदिर में हुए हादसे जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. अगर जांच के दौरान निजी या सरकारी जमीन पर कोई कुआं, बावड़ी या नलकूप खतरनाक हालत में मिला, तो संबंधित भूमि मालिक या अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.'


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