Indore Temple Collapse: इंदौर हादसे पर सीएम शिवराज ने लिया संज्ञान, कलेक्टर-कमिश्नर से फोन पर बात कर दिए ये निर्देश
Indore Temple Tragedy: अब तक 7 लोगों को सही सलामत बावड़ी से रेस्क्यू कर लिया गया है जबकि बाकी लोगों को बचाने का काम जारी है. इंदौर जिला प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
Indore News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रामनवमी पर बड़ा हादसा हो गया. बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की छत धंसने से 25 से अधिक लोग बावड़ी में गिर गए, जिसके बाद वहां अफरातफरी मच गई. इस हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर तुरंत पुलिस जवान पहुंच गए और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है. अब तक 7 लोगों को सही सलामत बावड़ी से रेस्क्यू कर लिया गया है जबकि बाकी लोगों को बचाने का काम जारी है.
इस हादसे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी ने भी संज्ञान ले लिया है. सीएम ने इंदौर कलेक्टर और कमिश्नर से फोन पर चर्चा कर रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के निर्देश दिए हैं. इंदौर जिला प्रशासन को रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा हर अपडेट मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ साझा करने और निरंतर संपर्क में रहने के लिए कहा गया है. इसके बाद से ही इंदौर जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और श्रद्धालुओं को बावड़ी से निकालने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
'10 लोगों को सुरक्षित निकाला'
शिवराज सिंह चौहान का एक बयान भी समाने आया है. उन्होंने कहा, 'भगवान की कृपा से हम सभी पूरी ताकत से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हैं. 10 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. 9 लोग अंदर जिंदा से उनके बाहर निकालने का प्रयास जारी है. अभी तक किसी की दुर्भाग्यपूर्ण खबर नहीं है.'
चश्मदीदा ने बताया पूरा वाक्या
वहीं, इंदौर से बीजेपी सांसद शंकर लालवानी एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, 'प्रशासन की टीमें हादसे वाली जगह पर मौजूद हैं. हमारी प्राथमिकता है कि जो लोग फंसे हुए हैं उन्हें निकाला जाए. उस मंदिर को मैं जानता हूं बहुत पुराना मंदिर हैं. यह बात सही है कि बावड़ी बहुत पुरानी है लेकिन अभी यह कहना मुश्किल है कि हादसा किस वजह से हुआ. आगे जांच की जाएगी लेकिन अभी प्राथमिकता लेगों को बचाना है. अभी तक छह लोगों को निकाला गया है और पास के अस्पताल में भेजा गया है.' एक प्रत्यक्षदर्शी से भी इस दौरान हमनें बात की. उन्होंने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी और छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी. इस दौरान ये हादसा हो गया.
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