Indore News Today: इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव जुबानी हमला बोला. चिंटू चौकसे ने कहा कि महापौर पुष्यमित्र भार्गव के 2 साल के कार्यकाल के में इंदौर को नंबर वन स्मार्ट सिटी से नंबर वन बदहाल सिटी बना दिया है.


नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष ने चिंटू चौकसे ने कहा कि कल शहर की जनता ने जल जमाव, यातायात जाम के साथ जो कुछ भुगता है उसके लिए निगम और खास तौर पर महापौर की लापरवाही जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि बारिश का मौसम शुरू होने से पहले ना तो नालों की सफाई कर गाद निकाली गई और न ही सड़क के गड्ढे भरे गए.


'निगम ने नहीं की पानी निकासी व्यवस्था'
चिंटू चौकसे ने शनिवार (24 अगस्त) को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि इंदौर में 5 और 7 इंच बारिश हो जाने पर भी ऐसा जल जमाव नहीं होता था, जैसा जल जमाव अब मात्र डेढ़ दो इंच बारिश में शहर की सड़कों पर होता है. कल तो शहर में बारिश ज्यादा हुई थी लेकिन इस पानी के निकासी की कोई व्यवस्था निगम के जरिये नहीं की गई थी. 


नगर निगम पर निशाना साधते हुए चिंटू चौकसे ने कहा कि बारिश का मौसम शुरू होने से पहले हमेशा नगर निगम की ओर से तैयारी की जाती है. इस तैयारी के तहत नाले की सफाई कर उसमें जमी हुई गाद निकाल दी जाती है जिससे कि नाले में पानी का फ्लो बना रहे. 


चिंटू चौकसे के मुताबिक, इसके साथ ही निगम के जरिये सभी सड़कों पर पैच वर्क का कार्य कर दिया जाता है, जिससे पानी गिरने पर सड़क पर जब पानी जमा हो तो नागरिक आसानी से गाड़ी लेकर निकल सके. उन्हें इस बात की आशंका न रहे की पानी के नीचे सड़क है या गड्ढा है.


महापौर पर बरसे चिंटू चौकसे
चौकसे ने कहा कि पुष्यमित्र भार्गव के कार्यकाल के दो वर्ष हो गए हैं, यह दो वर्ष नगर निगम के लिए बदहाली के रूप में जाना जाता है. कल हुई बारिश और उसके बाद बने हालात निश्चित तौर पर स्मार्ट सिटी में नंबर वन कहलाने वाले शहर को बदहाली में नंबर वन बताने वाले हैं. 


उन्होंने कहा कि यह कितना चिंताजनक है कि जब सारा शहर डूबा हुआ था, उस समय नगर निगम केवल यह दावा करने में लगा हुआ था कि हमने अपनी टीम को अलर्ट कर दिया है. निगम की सारी टीम आखिर क्या कर रही थी? जब भी इस तरह की स्थिति बनती है तब निगम के द्वारा नाला टैपिंग के नाम पर किए गए 2000 करोड़ रुपए के खर्चे पर सवाल उठते हैं.


सरकार के असहयोग से निगम असहाय
चिंटू चौकसे ने आरोप लगाते हुए कहा, "बारिश का मौसम शुरू होने से पहले जल भराव वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां से पानी के निकासी की व्यवस्था की जाती है. इस काम को भी नगर निगम ने इस वर्ष नहीं किया." उन्होंने कहा, "प्रदेश सरकार के भरपूर असहयोग के चलते नगर निगम अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है."


महापौर पुष्यमित्र भार्गव पर तंज करते हुए कांग्रेस पार्षद चिंटू चौकसे ने कहा कि वह इंदौर के अधिकार के लिए आवाज भी नहीं उठा पा रहे हैं. इंदौर की जनता के लिए यह बहुत शर्मनाक है कि उनका चुना हुआ महापौर अपने राजनीतिक हित को पूरा करने के लिए शहर की जनता को बदहाल स्थिति के बावजूद खामोशी की चादर ओढ़ कर सो जाता है.


चौकसे ने कहा कि कल सारे शहर में जिस तरह से यातायात जाम हुआ है यह अपने आप में चिंताजनक विषय है. यातायात पुलिस और थानों की पुलिस को सड़क और चौराहे पर लगाकर यातायात व्यवस्था को संभालना चाहिए था, लेकिन यह भी नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रदेश सरकार के कार्यकाल में नाकारापन अब पूरे सिस्टम का हिस्सा बन गया है. इस स्थिति से सारे शहर की जनता हैरान परेशान है.


कहां गए सारे ट्रैफिक मित्र?
चौकसे ने कहा कि पिछले दिनों महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने एक बड़ा इवेंट आयोजित किया था. इस इवेंट में यह दावा किया गया था कि इंदौर शहर के यातायात को संभालने का काम 1000 ट्रैफिक मित्रों के जरिये किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में 1000 ट्रैफिक मित्र भी तैयार किए गए थे और उन्हें शपथ भी दिलाई गई थी.


कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि वह भी चौराहे पर ट्रैफिक मित्र की तरह खड़े होकर यातायात संभालेंगे. इसी तरह महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने खुद भी यातायात संभालने का काम करने का ऐलान किया गया था. 


दोनों दिग्गजों के बयानों का जिक्र करते हुए चिंटू चौकसे ने कहा कि शुक्रवार को बारिश के बाद जब यातायात जाम पड़ा हुआ था, तब इनमें से एक भी ट्रैफिक मित्र कहीं भी नजर नहीं आ रहा था. उन्होंने कहा कि विजयवर्गीय अपनी राजनीति करने के कार्य में लगे हुए थे तो भार्गव बंद कमरे में बैठे हुए थे, ऐसे मौके किसी भी ट्रैफिक मित्र को सड़क पर आकर ट्रैफिक संभालने की याद नहीं आई. 


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